मंगलवार, 11 जनवरी 2011

प्रियंका की नजरों से सोनिया देख रहीं हैं सियासत

मतलब प्रियंका हैं सोनिया की असली सलाहकार

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के सलाहकारों में नंबर वन अहमद पटेल हैं, या महासचिव दिग्विजय सिंह? इस प्रश्न पर समूचा देश उलझा हुआ है, किन्तु हकीकत यह है कि सोनिया गांधी उसी रंग से सियासी दुनिया देख रही हैं, जिस रंग का चश्मा उनकी पुत्री प्रियंका वढ़ेरा उन्हें लगा रही हैं।

कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि सोनिया गांधी के लिए सियासी बिछात, जमीनी हकीकत और नेताओं की पोल पट्टी कोई और नहीं उनकी ही अपनी बेटी प्रियंका उपलब्ध कराती हैं। कल तक सियासी गलियारों में चर्चाओं में रहने वाली प्रियंका वढ़ेरा ने एकाएक अपने आप को समेट लिया है। अब वे अपने पति राबर्ट वढ़ेरा और बच्चों के साथ सुर्खियों से दूर ही रह रही हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि प्रियंका द्वारा निजी गुप्तचर एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय मंत्रियों, सूबों में कांग्रेस की इकाईयों के बारे में मालुमात की जाती है, फिर उसे अपने सूत्रों के द्वारा क्रास चेक भी किया जाता है। जब जानकारी पुख्ता हो जाती है तब वे उसे अपनी मां के सामने परोस देती हैं। उन्होंने कहा कि एसा लंबे समय से नहीं हो रहा है, यह सिलसिला पिछले आठ दस माहों से ही आरंभ हुआ है।

उधर सोनिया के करीबी सूत्रों का भी यह दावा है कि नेहरू गांधी परिवार की छटवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए भी भविष्य का रोड़मेप प्रियंका द्वारा ही तैयार किया जा रहा है। यही कारण है कि वे सियासी से चमक दमक से अपने आप को दूर रखते हुए अमेठी और रायबरेली में ही चुनावों के दौरान शिरकत करती हैं।



प्रियंका के लिए प्रायोजित हुए थे टीवी शो

पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान अपनी दादी स्व.श्रीमति इंदिरा गांधी की साड़ी पहनना, उनके जैसे हेयर स्टाईल बनाना, और प्रियंका की आदतों को प्रियदर्शनी स्व.श्रीमति इंदिरा गांधी से जोड़ने के फीचर भी मीडिया में जमकर उछले। माना जा रहा है कि सोनिया के करीबी प्रबंधकों ने चुनावों के दौरान कोशिश की थी कि प्रियंका में इंदिरा गांधी का अक्स ढूंढकर सामने लाया जाए ताकि देश में कांग्रेस को इससे फायदा हो सके। बताते हैं कि बाद में प्रियंका की आपत्ति के उपरांत ये फीचर आगे परवान नहीं चढ़ सके।

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