सोमवार, 3 जनवरी 2011

दिल्‍ली में प्रवासी महिलाएं

दिल्ली में एमपी की महिलाओं की भागीदारी नगण्य
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। काम के अवसरों की तलाश में भारत गणराज्य की राजनैतिक राजधानी दिल्ली का आकर्षण महिलाओं के सर चढ़कर बोल रहा है। देश की महिलाओं की तादाद में से आधी महिलाएं दिल्ली में रोजगार की तलाश में आती हैं, इनमें उत्तर प्रदेश और बिहार की भागीदारी सत्तर फीसदी है। मध्य प्रदेश महज 6 फीसदी के साथ चौथी पायदान पर है।
 
उद्योग चेम्बर एसोचेम के हालिया सर्वेक्षण में यह बात उभरकर सामने आई है। सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश की 38, बिहार की 32, राजस्थान की 12 तो एम पी की 6 फीसदी महिलाएं दिल्ली में असंगठित क्षेत्र में कमा खा रही हैं। सर्वे में कहा गया है कि मध्य प्रदेश से आने वाली महिलाओं की तादाद में से बीस फीसदी महिलाएं बेरोजगार ही रह जाती हैं।
 
सर्वे से साफ हो रहा है कि दिल्ली में आकर गुजर बसर करने वाली ‘बाहरी‘ महिलाओं की तादाद में से करीब दो तिहाई महिलाएं असंगठित क्षेत्र में रोजी रोजगार तलाश करती हैं। सर्वे में एक और बात उभरकर सामने आई है कि प्रवासी महिलाओं में 46 फीसदी महिलाएं नौकरी की तलाश में तो महज सात फीसदी ही बेहतर शिक्षा की गरज से दिल्ली की ओर रूख करती हैं।
वोट बैंक पर है सियासी दलों की नजर
गौरतलब होगा कि इस वोट बैंक को लुभाने के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में एक प्रकोष्ठ का गठन भी किया है। भाजपा के इस कदम से कांग्रेस ने भी इस वोट बैंक पर डाका डालने का उपक्रम आरंभ कर दिया है। कांग्रेसनीत केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को स्वास्थ्य, बीमा, पेंशन आदि सुविधाएं देने का मन बना लिया है।
इन क्षेत्रों में पाती हैं महिलाएं रोजगार
असंगठित क्षेत्र में रोजगार पाने वाली महिलाएं घरेलू नौकरानी, भवन एवं अन्य निर्माण क्षेत्र, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, ब्यूटी पार्लर, सब्जी विक्रेता, रेहड़ी, उद्योग धंधों में अकुशल श्रमिक आदि क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।

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