सोमवार, 31 जनवरी 2011

चुनाव सुधार को लेकर संजीदा है चुनाव आयोग

मतदान की उम्र हो सकती है सोलह साल! 
अपराधियों को भी नहीं मिलेगा चुनाव लड़ने का मौका!
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। भारत गणराज्य में चुनाव आयोग द्वारा पहली मर्तबा चुनाव सुधार की कवायद की जा रही है। चुनाव आयोग की अगर चली तो आने वाले समय में अपराधी चुनाव मैदान से बाहर हो सकते हैं, साथ ही साथ मतदान की आयु सीमा 18 से घटाकर 16 भी की जा सकती है।
चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि चुनाव सुधार की गरज से बनाई गई अनेक समितियों की सिफारिशों पर जल्द ही सरकार कदम उठाने जा रही है। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग के नए दिशानिर्देर्शों के उपरांत भारतीय लोकतंत्र की काली छवि को निर्मल, उजली और स्वच्छ बनाया जा सकता है।
सूत्रों ने आगे बताया कि अपराधियों के प्रवेश रोकने के अलावा अब सोलह साल के युवाओं को भी अपना मनपसंद उम्मीदवार चुनने का मौका मिलने जा रहा है। इसके साथ ही साथ मतदाताओं को लुभावने आकर्षक मतदाता पहचान पत्र भी उपलब्ध कराए जाने की शुरूआत होने वाली है।
चुनाव के दौरान थैलियों के मुंह खोले जाने पर भी सख्ती होने की उम्मीद जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि मौजूदा लोकसभा की तय सीमा 25 लाख और विधान सभा की दस लाख को अनेक प्रत्याशी वैसे ही पार कर जाते हैं, प्रस्तावित चुनाव सुधार विधेयक में इस पर कड़ाई से पालन करवाना भी प्रस्तावित बताया जा रहा है।
उधर कानून मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि कानून मंत्रालय द्वारा चुनाव सुधार के संबंध मंे लोगों से रायशुमारी की जा रही है। इसके अलावा बजट सत्र के उपरांत राष्ट्रीय स्तर पर विचार विमर्श के उपरांत जो स्वरूप निकलकर आएगा उसका मसौदा तैयार कर इसे इस साल के अंत तक विधेयक की शक्ल में संसद में पेश किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।

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