बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

शिव उमा में मंथन


शिव और उमा के बीच पिघल रही है बर्फ

किसानों के बहाने दोनों ने की बंद कमरे में चर्चा
 
(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली । मध्य प्रदेश के किसानों की बदहाली के चलते मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और वर्तमान निजाम शिवराज सिंह चौहान के बीच दूरियां कम होती नजर आ रही हैं। मंगलवार रात में मध्य प्रदेश भवन में दोनों ही नेताओं के बीच लगभग एक घंटे मंत्रणा हुई। उमा शिव के बीच हुई गुफ्तगंू के बाद भाजपा में सियासत गर्मा गई है।
गौरतलब है कि भाजपा में उमा भारती की वापसी पर सबसे बड़े अडंगे के तौर पर शिवराज सिंह चौहान सहित मध्य प्रदेश भाजपा के अनेक नेता सामने आ रहे थे। इसी बीच राजग के पीएम इन वेटिंग एल.के.आड़वाणी और भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी ने उमा भारती की वापसी की संभावनाओं को बल देकर ठहरे हुए पानी में लहरें पैदा कर दी थीं।
जैसे ही फिजां में उमा की घर वापसी की खबरें तैरीं वैसे ही उनके विरोधियों ने लामबंद होकर इसका विरोध करना आरंभ कर दिया था। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि आड़वाणी ने उमा भारती की वापसी का रोड़मेप वहाया उत्तर प्रदेश निकाला, किन्तु यूपी के भाजपाई उमा भारती को झेलने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि उमा भारती अब मध्य प्रदेश में अपने घुर विरोधियों से हाथ मिलाने से नहीं चूक रहीं हैं।
बताया जाता है कि आड़वाणी के निर्देश पर ही शिवराज सिंह चौहान ने अपने सहयोगियों के साथ उमा भारती की मिजाज पुरसी उस वक्त अस्पताल में जाकर की थी जब वे दुर्घटना में घायल हो गईं थीं। गत दिवस एमपी भवन में भाजपा के दो विपरीत धु्रवों के बीच हुई मंत्रणा के बाद उमा भारती के चेहरे पर सकून के भाव इस बात की ओर साफ इशारा कर रहे थे कि वे शिवराज को साधने में काफी हद तक सफल रहीं हैं।

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