गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

राजा के बाद जांच एजेंसी की नजरें कलमाड़ी पर


कलमाड़ी पर कस सकता है शिकंजा

नई दिल्ली (ब्यूरो)। भ्रष्टाचार से चौतरफा घिरी कांग्रेसनीत केंद्र सरकार द्वारा संसद का बजट सत्र चलाने और जनता के बीच अपनी छवि ठीक करने की कोशिश में पूर्व संचार मंत्री ए.राजा को सीखचों के पीछे पहुंचा दिया है। सूत्रों ने बताया कि कॉमनवेल्थ ऑॅर्गनाइजिंग कमिटी के अध्यक्ष पद से हटाए गए सुरेश कलमाड़ी को भी जल्दी ही गिरफ्तार किया जा सकता है। उधर कांग्रेस ने दावा किया है कि इस गिरफ्तारी से डीएमके और उसके संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ज्ञातव्य है कि मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और डीएमके चीफ करुणानिधि के बीच हुई मुलाकात में राजा का भविष्य तय हो गया था। राजा की गिरफ्तारी से डीएमके को तमिलनाडु चुनाव में और कांग्रेस को उसके साथ होने वाले केरल, असम और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में फायदा होने की उम्मीद है। यूपीए की प्रमुख घटक टीएमसी पश्चिम बंगाल के चुनावों को देखते हुए भ्रष्टाचार पर कड़े कदम उठाने की मांग कर रही थी।
सूत्रों के अनुसार करुणानिधि ने राजा को उनकी गिरफ्तारी की जानकारी दे दी थी। सरकार को उम्मीद है कि राजा की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष के तेवर ढीले होंगे और बीजेपी और लेफ्ट में बजट सत्र के नहीं चलने देने के मुद्दे पर असहमति बढ़ेगी। सीपीएम के महासचिव प्रकाश कारत कह चुके हैं कि संसद को ज्यादा समय तक चलने से नहीं रोका जा सकता। बीजेपी और लेफ्ट ने संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चलने दिया था।
राजा की गिरफ्तारी के जरिए यूपीए सरकार कई निशाने साधना चाहती है। सरकार की पहली प्राथमिकता बजट सत्र चलाना है। विपक्ष अभी भी जेपीसी की मांग पर अड़ा है। बीजेपी कह रही है कि जेपीसी नहीं तो संसद में काम नहीं। मगर अब लेफ्ट को एहसास हो रहा है कि विपक्ष की सारी जगह बीजेपी घेरती जा रही है। पश्चिम बंगाल के चुनाव उसके लिए भी बड़ी राजनीतिक लड़ाई हैं। बीजेपी के साथ सहयोग से उसकी छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
लोकसभा के नेता और विŸा मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट सत्र में विपक्ष का सहयोग मांगने के लिए 8 फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सरकार को उम्मीद है कि कड़ी कार्रवाइयों के बाद विपक्ष पर संसद चलने देने का दबाव बढ़ेगा।

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