सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

सुशासन जनता का हक: राष्ट्रपति

सुशासन जनता का हक: राष्ट्रपति
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से महामहिम राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल भी बुरी तरह आहत हैं। संसद के बजट सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। देश की जनता सुशासन की हकदार है। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने काला धन, खाद्य सुरक्षा, भ्रष्टाचार, मंहगाई, सड़क, बिजली, सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार का रवैया स्पष्ट किया।
15वीं लोकसभा के बजट सत्र को संबोधित करते हुए महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि लद्दख में बादल फटने के बाद सरकार ने बडी ही संजीदगी के साथ वहां राहत और पुर्नवास का काम किया है। पंडित भीमसेन जोशी के अवसान पर उन्हें श्रृद्धांजली देते हुए उन्होंने कहा कि उनके निधन से हुई क्षति की भरपाई मुश्किल है। कामन वेल्थ गेम्स की सफलता का श्रेय उन्होंने दिल्लीवासियों के शिष्टाचार को दिया। हिंसा के मसले पर कड़ा रूख अपनाते हुए महामहिम ने कहा कि किसी भी रूप में हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
सरकार की प्राथमिकताएं गिनाते हुए उन्होंने कहा कि मुद्रा स्फीती की वृद्धि दर को रोकना, खाद्यान मंहगाई को काबू में लाना, सामाजिक जीवन में ईमानदारी और सत्यता की कमी से निपटना, गरीबों और कमजोर तबके के लोगों के विकास आदि जैसे प्रमुख लक्ष्य इस सरकार की प्राथमिकताएं हैं। श्रीमति पाटिल ने कहा कि धान का समर्थन मूल्य 550 रूपए से बढ़ाकर 1000 रूपए प्रति क्विंटल और गेंहूं का 650 रूपए से बढ़ाकर 1100 रूपए किया गया है। इसी तरह गन्ने के समर्थन मूल्य में भी पचास फीसदी से ज्यादा की बढोत्तरी की गई है। इसी तरह राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 35 हजार करोड़ का निवेश किया गया है, जिससे देश भर में हरित क्रांति का आगाज हो सकेगा।
दूरसंचार के मामले मंे संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि देश भर में अस्सी करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं की संख्या होना अपने आप में एक मिसाल है। अब सरकार ने एक लाख तक की आबादी वाले शहरों में निजी स्तर पर एफएम रेडियो की स्थापना की प्रस्तावना में 283 शहरों में 806 से ज्यादा एफएम रेडियो की स्थापना का लक्ष्य है। मोबाईल ब्राडबेण्ड का विस्तार ग्रामीण स्तर तक किए जाने पर महामहिम ने जोर दिया। साथ ही बिजली के उत्पादन को बढ़ाने की बात भी उनके द्वारा कही गई।
आतंकवाद और जातीय हिंसा है बड़ी चुनौति
महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने माना कि आतंकवाद, कट्टरवाद, जातीय हिंसा देश में बड़ी चुनौति के रूप में उभरकर सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद सरकार द्वारा सुरक्षा मानकों में व्यापक स्तर पर बदलाव किए हैं। अभी राष्ट्रीय जांच एजेंसी और सुरक्षा बलों की लगभग सौ बटालियन की स्थापना भी किया जाना प्रस्तावित है।

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