गुरुवार, 3 मार्च 2011

महासचिवों ने फेरा 24 अकबर रोड़ से मुंह

एआईसीसी में फेरबदल किसी भी समय

मीडिया टीम होगी तगड़ी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी द्वारा अपनी नई टीम का एलान अब किसी भी समय किया जा सकता है। पार्टी महासचिवों और मीडिया प्रभाग की कार्यप्रणाली से राजमाता श्रीमति गांधी खासी खफा नजर आ रही हैं। माना जा रहा है कि पार्टी इन दोनों ही की पोस्ट्स पर सोनिया गांधी द्वारा उपयुक्त लोगों को विराजमान किया जा सकता है।
बताया जाता है कि पार्टी के महासचिवों ने मुख्यालय की ओर रूख करना ही तज दिया है। पार्टी महासचिव वीरप्पा माईली, मुकुल वासनिक, केशव राव, गुलाम नवी आजाद ने लंबे समय से पार्टी मुख्यालय में अपनी आमद नहीं दी है। इसके साथ ही साथ सत्यव्रत चतुर्वेदी भी लंबे समय से पार्टी मुख्यालय से नदारत ही हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि सोनिया गांधी के अध्यक्षयीय कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी सदा ही मीडिया मैनेजरांे की कमी से दो चार होती आई है। वर्तमान में भी मीडिया से रूबरू होने वालों की कमी साफ परिलक्षित हो रही है। पत्रकारों की यह शिकायत आम है कि जब भी कांग्रेस मुख्यालय जाया जाता है तो शकील अहमद और मनीष तिवारी को छोड़कर और कोई वहां मिलता ही नहीं है।
जयंती नटराजन का अधिकांश समय दिल्ली के बजाए चेन्नई में ही बीतता है। इसी तरह अभिषेक मनु सिंघवी को हरयाणा और आस्कर फर्नाडिस को जम्मू काश्मीर के साथ ही साथ संगठन का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने से ये भी पार्टी मुख्यालय फटकना पसंद नहीं करते हैं। रही बात आधा दर्जन मंत्रियों की तो सत्ता और संगठन में हिस्सेदार होने के कारण इनके पास पार्टी मुख्यालय जाकर कार्यकर्ताओं से मिलने का वक्त निकाल पाना मुश्किल ही होता है।
सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि इस साल पांच के अलावा 2012 में उत्तराखण्ड और पंजाब में होने वाले चुनावों के चलते कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और उनके पुत्र युवराज राहुल गांधी ने ताना बाना बुनना आरंभ कर दिया है। सूत्रोंने कहा कि चुनावी राज्यों से ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व देने का प्रयास करने वालीं हैं सोनिया गांधी।

0 इन पर गिरेगी गाज
गुलाम नवी आजाद, वी.नारायणसामी, एमवीरप्पा मोईली, मुकुल वासनिक, ए.के.अंटोनी, जयराम रमेश जैसे मंत्रियों जिनके पास संगठन की जवाबदारी भी है, उन्हें एक जवाबदारी से मुक्त कर दिया जाएगा। साथ ही साथ मणिशंकर अय्यर को महती जवाबदारी से नवाजा जा सकता है।

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