सोमवार, 2 मई 2011

शिवराज बनाम भूरिया चल पड़ी है जंग


चर्चा मंे हैं एमपी के मामा

दरकती दिख रही है कांग्रेस की एकता

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में इन दिनों देश के हृदय प्रदेश के ‘‘मामा‘‘ चर्चा में हैं। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को सूबे के बच्चों का मामा बताते आए हैं तो अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने खुद को असली मामा बता दिया है।
बीते दिनांे भूरिया के पदभार ग्रहण करने के दौरान कांग्रेस की कथित एकता रेली में मामाओं पर की गई टीका टिप्पणी की दिल्ली में जमकर चर्चाएं हो रही हैं। इसी दौरान सांसद सज्जन सिंह वर्मा द्वारा यह बात भी कह दी गई कि इतिहास में दो ही मामाओं का उल्लेख मिलता है एक कंस मामा और दूसरे शकुनि मामा। वर्मा शायद बचपन के चंदा मामाको भूल गए।
पांव पांव वाले भईया के नाम से चर्चित शिवराज सिंह चौहान द्वारा बच्चों और महिलाओं के हितों को ध्यान में रखकर आरंभ की गई योजनाओं के कारण सूबे में उन्हें लोग मामा के नाम से जानने लगे हैं, उधर आदिवासियों के बीच कांतिलाल भूरिया को भी मामा के रूप में पहचाना जाता है।
खबरों के अनुसार कांतिलाल भूरिया के हाथों मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे जाने के उपरांत सूबे में सुस्सुप्तावस्था में पड़ी काग्रेस में कुछ हलचल अवश्य ही महसूस की जा रही है। एकता रैली में कमल नाथ, दिग्जिवय सिंह, सुरेश पचौरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरूण यादव जैसे क्षत्रपों का एक मंच पर आना भी कांग्रेस के लिए सुखद संयोग से कम नहीं था, किन्तु समारोह में सिंधिया का महज शक्ल दिखाकर लौट जाना और कमल नाथ तथा प्रदेश प्रभारी महासचिव बी.के.हरिप्रसाद का वहां न पहुंचना भी चर्चाआंे और चटखारों का केंद्र बना हुआ है।

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