रविवार, 15 मई 2011

राय या त्रिवेदी हो सकते हैं नए रेल मंत्री


जल्द ही फिटेंगे केंद्र में पत्ते

फुल टाईम रेल मंत्री मिलेगा भारत गणराज्य को

उद्योग मंत्रालय पर भी है ममता की नजर

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। विधानसभा चुनावों के परिणामों का असर जल्द ही कांग्रेसनीत केंद्र सरकार पर पड़ने वाला है। जल्द ही केंद्र में वजीरे आजम डाॅ.मनमोहन सिंह अपने मंत्रीमण्डल का पुर्नगठन करने वाले हैं। इसमें जयललिता और ममता बनर्जी का पडला भारी होने की उम्मीद जताई जा रही है। आशा की जा रही है कि आने वाले समय में भारत गणराज्य को अब फुल टाईम रेल मंत्री मिल सकता है।
बंगाल में 34 साल पुराने वाम दलों के लाल किले को ध्वस्त करने वाली रेल मंत्री ममता बनर्जी बहुत ही ताकतवर होकर उभरी हैं। अब केंद्र में मलाईदार विभागों में वे अपने कारिंदे फिट करेंगी। ममता मुख्यमंत्री बनीं तो अपने स्थान पर दिनेश त्रिवेदी या मुकुल राय को बतौर रेल मंत्री प्रस्तुत कर सकती हैं। वर्तमान में त्रणमूल कोटे में एक कैबनेट और छः राज्यमंत्री हैं। ममता के बढ़े रूतबे से कैबनेट मंत्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
उधर डीएमके के पास तीन कैबनेट और चार राज्य मंत्री हैं। आदिमत्थू राजा की सीट अभी रिक्त ही है। जयललिता भी अब केंद्र में दावेदारी कर सकतीं हैं। बंगाल के पांच राज्य सभा सदस्य सेवा निवृत हो रहे हैं। आने वाले दिनों मे त्रणमूल तीन, कांग्रेस एक और वाम दल एक सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर सकती है। चुनाव में पराजय झेलने वाले करूणानिधी कुनबे के लिए भी चुनाव परिणाम कष्टकारी साबित हो सकते हैं। कनीमोरी को भी जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है।
इन चुनाव परिणामों के बाद अब भारत गणराज्य को पार्ट टाईम के स्थान पर फुल टाईम रेल मंत्री मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि रायटर बिल्डिंग पर कब्जे की चाहत के चलते रेल मंत्री ममता बनर्जी ने रेल मंत्रालय को दरकिनार ही कर दिया था, जिससे रेल की सेहत ही बिगड़ गई थी।

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