शुक्रवार, 17 जून 2011

कमल नाथ के प्रयासों पर पानी फेरते जोशी

कमल नाथ के प्रयासों पर पानी फेरते जोशी

धनाभाव में रूका सड़कों का स्वीकृत काम

टेंडर बुलाने के बाद किया काम निरस्त

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ द्वारा मध्य प्रदेश को दी गई सौगात उनके सक्सेसर सी.पी.जोशी ने एक एक कर छीनना आरंभ कर दिया है। अपने गृह प्रदेश के विकास के लिए संकल्पित कमल नाथ ने भले ही वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहते प्रदेश को कुछ न दिया हो, किन्तु भूतल परिवहन मंत्री के तौर पर उन्होंने मध्य प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने की कार्ययोजना सुनिश्चित की थी।

सरफेस ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि बजट की कमी का हवाला देते हुए विभाग के नए निजाम सी.पी.जोशी ने कमल नाथ के कार्यकाल में स्वीकृत सड़क परियोजनाओं को रोक दिया है। गौरतलब होगा कि एमपी के निजाम शिवराज सिंह चैहान ने अनेक मर्तबा दिल्ली में मीडिया से रूबरू होकर कमल नाथ की दरियादिली की सरेआम तारीफ भी की जा चुकी है। शिवराज का मानना था कि कमल नाथ दलगत राजनीति से उपर उठकर मध्य प्रदेश का हित साध रहे हैं।

अपने कार्यकाल मेें कमल नाथ ने वित्तीय वर्ष 2010 - 2011 में अंतर्राज्यीय सड़कों को जोड़ने की मद (आईएससी) में मध्य प्रदेश के लिए 11 राजमार्गों के लिए 137 करोड़ रूपयों की मंजूरी दी थी। इनमें से अनेक मार्ग अधिसूचित हो चुके हैं जिनके निर्माण के लिए प्रशासकीय और तकनीकि स्वीकृति (एएस और टीएस) भी जारी कर टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाने के बाद निविदा को धनाभाव के चलते निरस्त करना पड़ा है। भविष्य में अगर इन कामों को पुनः आरंभ कराने की स्थिति निर्मित होती है तो इन सभी परियोजनाओं को पुर्न प्राक्कलन (रिवाईज्ड स्टीमेट) तैयार करवाना पड़ेगा जिससे परियोजना की लागत मंे दो गुना वृद्धि होने की उम्मीद है।

मध्य प्रदेश का इस तरह स्वीकृत हक मारे जाने पर विपक्ष में बैठे भाजपा के सांसद तो मौन साधे हुए हैं किन्तु कांग्रेस के देवास के संसद सदस्य सज्जन सिंह वर्मा मानसून सत्र में अपने संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के तहत स्वीकृत सड़कों की दो मर्तबा निविदा स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य आरंभ न किए जाने का मामला उठाने की तैयारियां कर रहे हैं।

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