बुधवार, 22 जून 2011

कांग्रेस भाजपा का महाकौशल के साथ सौतेला व्यवहार!


कांग्रेस भाजपा का महाकौशल के साथ सौतेला व्यवहार!

रेल परियोजना में फंस रह नित नए पेंच

फोरलेन के झटके से उबर नहीं पाया सिवनी

कमल नाथ सहित कांग्रेस और भाजपा के जनसेवकों का मौन संदिग्ध

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेसनीत संप्रग सरकार और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा महाकौशल विशेषकर मण्डला, बालाघाट और सिवनी जिले के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। एक तरफ काल्पनिक बाघ करीडोर की भेंट स्वर्णिम चतुर्भंज का उत्तर दक्षिण गलियारा चढ़ गया तो अब बालाघाट से जबलपुर के अमान परिवर्तन की योजना भी बाघ ही की भेंट चढ़ती दिख रही है।

वर्ष 2000 मंे जबलपुर से बालाघाट की अमान परिवर्तन की योजना आरंभ की गई थी। इस योजना का काम 2006 तक ठीक ठाक गति से चलता रहा। इसके बाद इसके मार्ग में पड़ने वाली सिवनी जिले की जमीन को वन्य प्राणियों के लिए आरक्षित जतला दी जाकर इसे रेल्वे को सौंपने से इंकार कर दिया गया। इस मामले में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने दो साल तक नस्ती अपने पास रखकर इसे अब केंद्र के पाले में फेंक दिया है। राज्य सरकार की ओर से इस महात्वाकांक्षी योजना के प्रस्ताव को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के पास भेज दिया है। गौरतलब होगा कि इसके पहले स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे में सिवनी जिले में काल्पनिक बाघ करीडोर के कारण निर्माण कार्य तीन सालों से रूका हुआ है।

इस रेल परियोजना के पूरा होने से मण्डला, बालाघाट और सिवनी जिले को लाभ होना था। इसमें सिवनी जिले की 30 हेक्टेयर जमीन का फच्चर फंस गया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ का वर्चस्व माना जाता है महाकौशल में। कमल नाथ समर्थक छाए हुआ हैं मण्डला, सिवनी, जबलपुर और बालाघाट जिलों में। बावजूद किसी ने भी इस बात को कमल नाथ की जानकारी में लाना अपना कर्तव्य नहीं समझा और न ही कमल नाथ ने इस मामले में स्वतः ही कोई संज्ञान लिया है।

 महाकौशल में जबलपुर से भाजपा के राकेश सिंह, नरसिंहपुर से कांग्र्रेस के उदय प्रताप, मण्डला से कांग्रेस के बसोरी सिंह, छिंदवाड़ा से कांग्रेस के कमल नाथ तो बालाघाट से भाजपा के के.डी.देशमुख सांसद हैं। फोरलेन मामला हो या फिर अमान परिवर्तन का, हर मामले में कांग्रेस और भाजपा के सांसदों का मौन किसी मिलीभगत की ओर ही इशारा करता है।
यहां उल्लेखनीय होगा कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ ने कुछ दिनों पूर्व मण्डला नैनपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा के अमान परिवर्तन का श्रीगणेश भी मण्डला से किया था। इस अमान परिवर्तन में भी रिजर्व फारेस्ट का हिस्सा आएगा इस कारण मण्डला से बरास्ता सिवनी, छिंदवाड़ा अमान परिवर्तन का काम आने वाले दशकों में पूरा होने की उम्मीद बेमानी ही है। साथ ही बालाघाट में कटंगी तिरोड़ी लाईन हेतु भी वे बालाघाट आए थे, किन्तु किसी भी नेता ने उनका ध्यान नैनपुर के आसपास के इस विवादित हिस्से की ओर आकर्षित करना मुनासिब नहीं समझा और न ही भाजपा ने भी इस बारे में कोई मांग करने की जहमत ही उठाई।

कोई टिप्पणी नहीं: