मंगलवार, 5 जुलाई 2011

. . . और हो गईं अलका सिरोही दौड़ से बाहर

. . . और हो गईं अलका सिरोही दौड़ से बाहर

सीवीसी की दौड़ में नहीं दिया एमपी के नेताओं ने समर्थन

मलयाली लाबी को झटका देने बनया प्रदीप कुमार को सीवीसी

पिल्लई की राह का रोड़ा बनकर उभरे प्रणव

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मलयाली लाबी को झटका देने के लिए कांग्रेस के सत्ता और संगठन के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ ने अंततः नए सीवीसी के लिए प्रदीप कुमार के नाम पर हरी झंडी दिखा दी। इस पद के लिए एमपी की अलका सिरोही सहित 28 अधिकारी दौड़ में थे। कुमार के नाम पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। मलयाली लाबी सेवानिवृत गृह सचिव जी.के.पिल्लई के लिए लामबंद हो गए थे, किन्तु प्रणव मुखर्जी के वीटो के चलते उनका पत्ता काट दिया गया।

मुख्य सतर्कता आयुक्त की दौड़ से भारतीय प्रशासनिक सेवा की मध्य प्रदेश काडर की वरिष्ठ अधिकारी अलका सिरोही का नाम इसलिए पिछड़ा क्योंकि उनके लिए मध्य प्रदेश के क्षत्रपों कमल नाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अरूण यादव, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया आदि ने जोर नहीं लगाया। यद्यपि सिरोही को कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह की पसंद का अधिकारी माना जाता है फिर भी कैबनेट सचिव की दौड़ से जब वे बाहर हुईं तभी अनुमान लगाया जा रहा था कि देश के महत्वपूर्ण पदों पर मध्य प्रदेश के नौकरशाहों का बैठना मुश्किल ही है।

वैसे, इस दौड में अलका सिरोही के अलावा आर.पी.अग्रवाल, बिजय चटर्जी, आर.एस.पाण्डे, विजय लक्ष्मी गुप्ता, नरेश दयाल जैसे दिग्गज आईएएस अफसर थे। उधर सत्ता की धुरी बनने वाली मलयाली लाबी ने सेवानिवृत गृह सचिव जी.के.पिल्लई के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। पिल्लई को रास्ते से हटाने का काम दस जनपथ और खुद प्रणव मुखर्जी ने किया बताया जा रहा है। बताते हैं कि मलयाली लाबी को झटका देने के लिए दस जनपथ ने उनके नाम पर मोहर नहीं लगाई तो प्रणव को शक था कि पिल्लई के इशारे पर ही वित्त मंत्रालय की जासूसी करवाई गई है। इन्हीं समीकरणों के चलते हरियाणा काडर के प्रदीप कुमार की लाटरी निकल गई। रही बात सुषमा स्वराज की तो हरियाणा के अंदरूनी तार भी इस मामले में काम कर गए बताए जा रहे हैं।

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