रविवार, 7 अगस्त 2011

उत्‍तराखण्‍ड के सैनिकों का सिर काट ले गयी पाक आर्मी


उत्‍तराखण्‍ड के सैनिकों का सिर काट ले गयी पाक आर्मी

देहरादून से चन्‍द्रशेखर जोशी

जब सीमा पर शांति थी और पाक विदेश मंत्री दिल्‍ली में दोस्‍ती का पैगाम दे रही थी उस समय उत्‍तराखण्‍ड के सैनिकों का सिर काट कर ले जाने का नापाक काम पाकिस्‍तानी सेना कर रही थीहालांकि रक्षा मंत्रालय ने इस घटना की पुष्‍टि नहीं की और सैनिकों का शव उत्‍तराखण्‍ड में उनके घर लाये जाने पर अधिकारियों ने यह कहकर शव दिखाने से इंकार किया कि आतंकियों ने आरपीजी यानि राकेट प्रोपेल्‍ड ग्रेनेड के हमले से जवानों के सिर उड गये थे,

यह समाचार सुर्खियों में है कि 30 जुलाई को कुपवाडा जिले में नियंत्रण रेखा पर स्‍थित फुरिकयान गली में जो घुसपैठ हुई थी वह सामान्‍य नहीं थीउसमें आतंकियों के दल के साथ पाकिस्‍तानी सेना का कमांडो दस्‍ता थाइन्‍होंने घात लगाकर भारतीय सैनिकों पर हमला कियाइस हमले में कुमाऊ रेजिमेंट के हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी और लांस नायक देवेन्‍द्र सिंह शहीद हो गयेश्रीनगर में सेना के प्रवक्‍ता जेएस बरार ने इसे सामान्‍य घुसपैठ बताया था परन्‍तु भारतीय सैन्‍य कर्मियों के सिर काटे जाने की असलियत उनके अंतिम संस्‍कार के समय खुलीहालांकि उस समय भी सेना के अधिकारियों ने ग्रेनेड हमले में सिर उडने की बात कही थीहमले में मारे गये दोनों सैन्‍य कर्मी उत्‍तराखण्‍ड के पिथौरागढ और हल्‍द्वानी के थे,

द्वाराहाट के पास स्थित असगोली निवासी जयपाल सिंह कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार था। शनिवार को वह कुपवाड़ा सेक्टर में मुठभेड़ में शहीद हो गया। जयपाल सिंह का परिवार हल्‍द्वानी हिम्मतपुर तल्ला में रहता है।   हवलदार जयपाल सिंह का अगस्त के पहले हफ्ते यहां आने का प्रोग्राम थालेकिन नियति को कुछ और मंजूर थाउसकी शहादत की सूचना आई। रविवार की दोपहर आर्मी हेड क्वार्टर जम्मू से आई मनहूस खबर के साथ ही असगोली में पूजा में शिरकत करने की तैयारी में जुटे अधिकारी परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा।

हवलदार जयपाल सिंह छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसका परिवार यहां हिम्मतपुर तल्ला में बड़ी बहन के मकान के पास रह रहा था। जयपाल के बड़े भाई हाइकोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि उनके छोटे भाई नंदन सिंह अधिकारी इन दिनों पैतृक गांव असगोली में बैसी पूजा में बैठा है। नौ अगस्त को पूजा का समापन होना है। जयपाल को भी उसमें शामिल होना था। इसमें आने के लिए छुंट्टी को भी आवेदन कर दिया था।

जम्मू में तैनात होने की वजह से इन दिनों वह कुपवाड़ा सेक्टर में था। रविवार को उसे वापस जम्मू लौटना थालेकिन आर्मी से मिली सूचना के मुताबिक जयपाल शनिवार को मुठभेड़ में शहीद हो गया। भाई की शहादत की सूचना मिलते ही पूजा में बैठे नंदन सिंह भी तत्काल हल्द्वानी पहुंच गए। मंगलवार को शव पहुंचने की उम्मीद है। जयपाल की पत्नी बीना और वृद्ध मां बाला देवी (84) का  बुरा हाल है। सात वर्षीया पुत्री कीर्तिका और पांच वर्षीय पुत्र दीपांशू है। इससे पहले जयपाल मार्च में छुंट्टी पर आया था।

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