शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

हटेंगे मध्य प्रदेश के अवैध धर्मस्थल


हटेंगे मध्य प्रदेश के अवैध धर्मस्थल

सुप्रीम कोर्ट ने अपनाए कड़े तेवर

(लिमटी खरे)


नई दिल्ली। देश भर में अवैध धर्म स्थलों को हटाए जाने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अब अपने कड़े तेवर अपना लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब ढुल मुल रवैया नहीं चलेगा। सूबों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 21 दिनों के अंदर धार्मिक स्थल हटाने के लिए नीति बनाकर हलफनामा कोर्ट में दाखिल करे।

गौरतलब है कि अवैध धर्म स्थलों के मामले में 77,453 के साथ तमिलनाडू पहले तो 58,253 के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर है। तीसरी पायदान पर मध्य प्रदेश का नंबर आता है जहां 51,626 अवैध धर्म स्थल हैं। राजधानी दिल्ली में इनकी संख्या महज 52 है। यहां उल्लेखनीय होगा कि वोट की राजनीति के चलते सूबाई सरकारों द्वारा अवैध धर्मस्थलों के मामले में शिथिलता बरती जाती है, जिससे मजबूरन न्यायालय को ही संज्ञान लेना होता है। राजनैतिक पार्टियां सदा ही धार्मिक उन्माद भड़कने की आशंका से अपने हाथ पीछे खींच लेती हैं। पर जब कोर्ट के डंडे से इन्हे हटाया जाता है तब यह उन्माद नहीं भड़कता। मतलब साफ है कि यह सब कुछ वोट की राजनीति का ही खेल है।

जस्टिस दलबीर सिंह और जस्टिस दीपक वर्मा की बैंच ने कड़े तेवर अपनाते हुए राज्यों से पूछा है कि राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर बने हुए एसे निर्माणों को हटाने के लिए क्या व्यूह रचना बनाई है। कोर्ट ने इक्कीस दिनों के अंदर इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।

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