गुरुवार, 22 सितंबर 2011

अण्णा के आगे चारों खाने चित्त अम्मा!

अण्णा के आगे चारों खाने चित्त अम्मा!


विरोध से घबराई अम्मा ने लगाई पीएम से गुहार


सरकार पर बरसकर कई निशाने साधे जयललिता ने


(लिमटी खरे)


 नई दिल्ली। अण्णा हजारे का जादू आज भी लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है पर जनसेवकों पर कहर बनकर टूट रहा है। पिछले दिनों 15 सितम्बर को अन्नादुरै की जयंती पर जब जयललिता की इमदाद लेने से हजारों मछुआरों ने मना किया तब अम्मा के कान खड़े हो गए। ये लोग अम्मा से बातचीत को तैयार थे पर अनशन तोड़ने को नहीं। इनका विरोध कुडनकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ था।


प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता की गुहार वाली पाती पीएमओ को मिली है जिसमें जयललिता ने कहा है कि जब तक इस परियोजना को लेकर जनता की शंका कुशंका का पूरा समाधान न हो जाए तब तक के लिए रोक देना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि जयललिता ने पत्र में आगे कहा है कि तमिलनाडू के लोगों के मन में डर समाया हुआ है कि अगर इस परमाणु संयंत्र में भी जापान के फुकुशिमा जैसा हादसा हुआ तब क्या होगा?


जयललिता ने अपने पत्र में कांग्रेसनीत केंद्र सरकार पर अपनी जिम्मेदारी से भागने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार तमिलनाडू के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जयललिता का सीधा आरोप है कि इस मामले के उछलने और जनता के अनशन, डर दहशत के बाद भी अब तक केंद्र सरकार के किसी मंत्री या अफसर ने तमिलनाडू की ओर रूख नहीं किया है।

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