रविवार, 25 सितंबर 2011

. . . तो सिवनी से चलेगी पेंच व्हेली ट्रेन


. . . तो सिवनी से चलेगी पेंच व्हेली ट्रेन

छोटी लाईन की उल्टी गिनती प्रारंभ

जल्द ही संस्कारधानी जबलपुर से बंद हो जाएगी छोटी रेल

इतिहास में शामिल होने को तैयार है नेरोगेज की रेलगाड़ी

काम रूका तो नेता ही होंगे जिम्मेदार: सूत्र

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले सालों में छिंदवाड़ा से इंदौर जाने वाली पेंचव्हेली, रेल गाड़ी को भगवान शिव की नगरी सिवनी से चलने का गौरव मिल सकेगा। सालों साल परासिया से भोपाल जाने वाली रेलगाड़ी अब छिंदवाड़ा से इंदौर तक जा रही है। रेल्वे बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि छिंदवाड़ा से नैनपुर बरास्ता सिवनी अमान परिवर्तन के काम में तेजी लाने के लिए बिलासपुर जोन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं।

सूत्रों ने कहा कि अमान परिवर्तन में केवलारी से नैनपुर खण्ड में वनभूमि की कुछ बाधा आ सकती है किन्तु सिवनी से छिंदवाड़ा तक का हिस्सा इससे पूरी तरह से मुक्त है। अफसरान को निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण का काम छिंदवाड़ा और सिवनी के बीच सबसे पहले आरंभ करवाया जाए। यद्यपि इसके लिए क्षेत्रीय सांसदों की ओर से अभी तक कोई पहल नहीं की गई है फिर भी भारतीय रेल की योजना के अनुसार कालका शिमला को छोड़कर समस्त मीटर गेज और नैरो गेज के अमान परिवर्तन किया जाना है। सूत्रों ने बताया कि इसके पीछे परिचालन व्यय समान होना है। छोटी लाईन, मीटर गेज अथवा ब्राड गेज में काम करने वाले हर स्तर के कर्मचारी को समान वेतन ही मिलता है।

सूत्रों ने आगे कहा कि इसके निर्माण के लिए मृदा परीक्षण का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इसके परीक्षण के साथ ही साथ रेल विभाग के बिलासपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय को ताकीद किया गया है कि इस मार्ग में पड़ने वाले पेंच नदी के पुल के अलावा बैनगंगा नदी के दो पुल तथा छोटे कलवर्टस के निर्माण हेतु निविदा की प्रक्रिया तत्काल पूरी की जाए। सूत्रों ने इस आशंका से भी इंकार नहीं किया कि अगर किसी नेता ने अपने निहित स्वार्थ या दुर्भावनावश इस काम को रोकने का प्रयास किया तो प्रत्यक्षतः तो तकनीकि आधार पर काम को रोकना दर्शाया जाएगा किन्तु इसके पीछे की मंशा और कुछ भी हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि छिंदवाड़ा से सिवनी तक के रेलखण्ड के अमान परिवर्तन में किसी तरह का विध्न नहीं है, अगर काम प्रभावित होता है तो इसके लिए कोई न कोई नेता ही जवाबदेह होगा।

गौरतलब है कि शतायु हो चुके जबलपुर नागपुर नेरोगेज रेलखण्ड में 106.93 किलोमीटर के गोंदिया से नैनपुर का काम 13 अप्रेल 1903 में तो नैनपुर से बरगी के 82.83 किलोमीटर के रेलखण्ड का काम 5 जुलाई 1904, बरगी से जबलपुर के हाऊबाग (बोलचाल में हवाबाग) के 25.91 किलोमीटर के रेलखण्ड का काम 7 अप्रेल 1905 तो हाऊबाग से जबलपुर के 2.2 किलोमीटर रेलखण्ड का काम 15 सितम्बर 1905 में पूरा हुआ था। नागपुर से मण्डला फोर्ट बरास्ता छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर रेलखण्ड को सतपुड़ा लाईन्स के नाम से भी जाना जाता था।
(क्रमशः जारी)

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