शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

तकनीकि खराबी से उपजा भ्रम!


उत्तराधिकारी हेतु रथ यात्रा . . . 4

तकनीकि खराबी से उपजा भ्रम!

जेतली हुए बेहोश तो ठाकुर, सुषमा को आई मितली

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। एल.के.आड़वाणी अपनी पुत्री प्रतिभा को राजनीति में स्थापित करने की गरज से रथ यात्रा पर निकले हैं। इस तरह की चर्चाओं का बाजार जमकर गर्मा चुका है। आड़वाणी का रथ पूणे में तैयार करवाया गया था। यह रथ आड़वाणी के छिपे हुए हनुमान प्रकाश जावड़ेकर ने तैयार करवाया था। आड़वाणी की मंशा के अनुरूप इसमें दो जेनरेटर, वाल्वी साउंड सिस्टम, एक लिफ्ट, हाईड्रोलिक दरवाजे आदि से सुसज्जित किया गया है।

दिल्ली की लो फ्लोर बस के मानिंद इसके दरवाजे रथ के चालू होते ही अपने आप बंद हो जाते हैं। रथ यात्रा में अपशकुन तब आया जब इसका एक एक्जास्ट फेन ही टूटकर गिर गया। एग्जास्ट क्या टूटा, जनरेटर का धुंआ एसी की डक्ट से अंदर भरने लगा। धुएं ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। बताते हैं कि उस वक्त वहां अरूण जेतली सो रहे थे, जो सोते सोते ही बेहोश हो गए। धुंए से सी.पी.ठाकुर और सुषमा स्वराज को मितली आने लगी। उन्होंने रथ के अंदर ही उल्टियां करना आरंभ कर दिया।

रथ के दरवाजे उसके रूकने पर ही खुल सकते थे। आड़वाणी रथ रोकने के पक्ष में नहीं थे। जब हालात काबू से बाहर हुए तो रथ को रूकवाया गया। रथ के साथ एक भी वाहन नहीं था। राजीव प्रताप रूढी जो आगे चल रहे थे वे काफी फासले पर थे। काफी देर बाद चिकित्सकों से संपर्क कर उन्हें मौके पर बुलवाया गया। चिकित्सकों ने जेतली और सुषमा को रात में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी। बाद में आड़वाणी को छोड़कर अन्य नेताओं को अलग अलग वाहनों से अलग अलग जगह भेजा गया। रथ में आड़वाणी और उनकी विरासत संभालने वाली प्रतिभा ही बचीं।
(क्रमशः जारी)


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