बुधवार, 9 नवंबर 2011

आरटीओ को जेब में रखने का ‘आईडिया‘


एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  18

आरटीओ को जेब में रखने का आईडिया

नंबर प्लेट पर पंजीयन के बजाए आईडिया के चिपके हैं स्टीकर

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति आदित्य बिरला के स्वामित्व वाली निजी क्षेत्र की मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनी आईडिया सेल्यूलर के कारिंदों ने परिवहन और यातायात पुलिस को जेब में रखने का नया आईडिया निकाला है। देश भर में अनेक जिलों में आईडिया के सेल प्रमोशन के चलते दो पहिया वाहनों पर आईडिया के कर्मचारी नंबर प्लेट पर आईडिया के स्टीकर लगाकर यातायात नियमों का सरेआम माखौल उड़ाते नजर आ रहे हैं।

मनमानी और उपभोक्ताओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने के लिए मशहूर आईडिया सेल्युलर के जिलों में पदस्थ टीम मैनेजर्स पर कंपनी ने सिम बेचने का भारी भरकम टारगेट फिक्स किया हुआ है। आरोपित है कि टीम मैनेजर्स द्वारा ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक मनगढंत स्कीम के माध्यम से ग्राहकों को लुभाकर अपने जाल में फंसाया जाता है। बाद में जब ग्राहक स्कीम के तहत सेवाएं चाहता है तब आईडिया के कारिंदे उसे इधर उधर झूला ही झुलाते नजर आते हैं।

आईडिया के जिलों में तैनात कर्मचारियों ने परिवहन विभाग और यातायाप पुलिस की आंखों में भी धूल झोंकने का काम किया जा रहा है। आईडिया के अधिकांश कर्मचारियों की निजी दो पहिया वाहनों पर भी नंबर प्लेट पर आईडिया का ही स्टीकर चस्पा मिलता है। एक सुधि पाठक ने मध्य प्रदेश से एक तस्वीर भेजी है जिसमें नंबर प्लेट के स्थान पर आईडिया का स्टीकर साफ दिखाई पड़ रहा है।

(क्रमशः जारी)

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