मंगलवार, 8 नवंबर 2011

शिव को नहीं एमपी में दिलचस्पी


शिव को नहीं एमपी में दिलचस्पी

गणतंत्र दिवस पर थर्ड ग्रेड झांकी को नकारा केंद्र ने

गुजरात और तमिलनाडू भी हैं दौड़ से बाहर

महज एक दर्जन राज्यों की झांकियां होंगी राजपथ पर

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलवाने में सूबे के निजाम शिवराज सिंह चौहान को दिलचस्पी नहीं दिख रही है। यही कारण है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली परेड में एमपी के द्वारा थर्ड ग्रेड झांकी प्रस्तुत करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा सैद्धांतिक तौर पर नकार दिया गया है। इस बार कुल अठ्ठाईस राज्यों ने अपनी झांकियों के प्रस्ताव भेजे थे, पहली छटनी के बाद ये महज डेढ़ दर्जन ही रह गए हैं। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में इनकी संख्या घटकर एक दर्जन रहने की उम्मीद जतलाई जा रही है।

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि इस बार गुजरात में नरेंद्र मोदी और तमिलनाडू में जयललिता सरकार ने तो झांकी का प्रस्ताव ही नहीं भेजा है। इस बार कुल 28 राज्यों के प्रस्ताव आए हैं। रक्षा मामलों की विशेषज्ञ समिति ने इनमें से 16 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस माह के दूसरे पखवाड़े में होने वाली बैठक में ये महज बारह रहने की उम्मीद जतलाई जा रही है।

सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश द्वारा बड़ी राशि खर्च कर राजा भोज की थीम पर आधारित प्रदर्शनी तैयार करवाई गई थी। भोज नगरी की यह झांकी विशेषज्ञ समिति द्वारा सिरे से खारिज कर दी गई है। मध्य प्रदेश के आवासीय आयुक्त कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि शिवराज सरकार में अफसरशाही इस कदर हावी हो चुकी है कि बिना किसी से राय लिए हुए ही एक अधिकारी विशेष ने मंहगी झांकी की तैयारी को हरी झंडी दे दी थी।

सूत्रों के अनुसार दूसरी और मध्य प्रदेश से टूटकर अलग हुए छत्तीसगढ़ ने अपना अस्तित्व बरकरार रखा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बार आदिवासी बाहुल्य बस्तर के आदिवासी गावों के घरों को बहुत ही मोहक तरीके से उकेरा है। इस मनमोहक झांकी में झांझरी कला का प्रदर्शन बहुत ही नायाब तरीके से किया गया है। सूत्रों के अनुसार छत्तीगढ़ की यह झांकी अंतिम दौर में चयनित होने वाली एक दर्जन झांकियों में शामिल हो सकती है।

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