सोमवार, 7 नवंबर 2011

लालू का बिहार से मोह भंग

लालू का बिहार से मोह भंग

पश्चिम दिल्ली से चुनाव लड़ने की तैयारी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। बिहार की सत्ता से बाहर किए गए इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू प्रबंधन गुरू लालू प्रसाद यादव काफी समय से बिहार के परिदृश्य से नदारत हैं। हाालत देखकर लोग कहने लगे हैं कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव का बिहार से पूरी तरह मोह भंग हो चुका है। लगातार दूसरी बार बिहार की सत्ता से बाहर राजद अब केंद्र में भी मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी है।

गौरतलब है कि चारा घोटाला के मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव को जब मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतारा गया था, तब उन्होने अपनी अर्धांग्नी राबड़ी देवी को कुर्सी पर बिठा दिया था। राबड़ी देवी ने बिहार में लालू प्रसाद यादव की परछाईं बनकर राज किया। इसके बाद लालू यादव केंद्र में रेल मंत्री बने और साथ ही साथ उन्होंने स्वयंभू प्रबंधन गुरू बनकर रातों रात घाटे में जा रही भारतीय रेल को कथित तौर पर पटरी पर लाकर हजारों करोड़ रूपए के लाभ में ला दिया था।

पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव की हरकतों से लगने लगा है कि मानों उन्होंने बिहार से नाता तोड़ने का मन बना लिया हो। मौका चाहे उनके अपने जन्म दिवस का हो, दीपोत्सव का या फिर बिहारियों के महापर्व छठ पूजा का, हर बार लालू बिहार से दूर रहे। उन्होंने अपना ज्यादा समय दिल्ली में ही बिताया। लालू के करीबी सूत्रों की मानें तो वे अब पश्चिम दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। गौरतलब है कि पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में पूर्वांचली विशेषकर बिहारी मतदाताओं की तादाद अधिक है।

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