शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

आखिर कांग्रेस क्यों मुंह सिले बैठी है पावर प्लांट मामले में!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 36

आखिर कांग्रेस क्यों मुंह सिले बैठी है पावर प्लांट मामले में!

छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने किया पावर प्लांट का विरोध



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। आदिवासियों के नाम पर सालों से सत्ता की मलाई चखने वाली अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी की सिवनी जिला इकाई मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा छटवीं सूची में अधिसूचित सिवनी जिले के आदिवासी बहुल्य घंसौर विकासखण्ड में डलने वाले 1260 मेगावाट (पहले 1200 मेगावाट) के पावर प्लांट का विरोध करने से आखिर क्यों हिचक रही है?
कांग्रेस के क्षत्रप और केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र जिला छिंदवाड़ा की कांग्रेस का अनेक मौकों पर अनुसरण करने वाली कांग्रेस पावर प्लांट में आदिवासियों के हितों की अनदेखी के मामले में पूरी तरह मौन साधे बैठी है। वहीं दूसरी ओर जिला कांग्रेस कमेटी छिंदवाड़ा द्वारा छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी बाहुल्य अमरवाड़ा विकासखण्ड में ग्राम मंधानगढ़ में समीप प्रस्तावित एसकेएस के पावर प्लांट के विरोध में खुलकर सामने आ चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय किसानों की जमीनों के अधिग्रहण, पावर प्लांट से होने वाले पर्यावरणीय और स्थानीय स्तर के नुकसान की जानकारी मिलते ही जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी कार्यवाहक अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे द्वारा तत्काल ही किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने के अपने वायदे पर अक्षरशः खरे उतरते नजर आए। छिंदवाड़ा के सांसद कमल नाथ की सहमति ही होगी तभी तो जिला कांग्रेस कमेटी किसानों के बचाव में सड़कों पर उतर आई है।
बताया जाता है कि जब भी प्रदेश में कोई उद्योग स्थापित होता है तब संबंधित विभागों के अधिकारियों की मिली भगत से मध्य प्रदेश सरकार के चुंनिदा आला नेताओं के गुर्गे पहले ही उस स्थान पर जाकर किसानों की जमीनें दुगने तिगने भाव पर खरीद लेते हैं। इसके बाद जब कोई संयंत्र स्थापित करने के लिए कंपनी आती है तो ये गुर्गे उन्हीं जमीनों की तीस से चालीस फीसदी ज्यादा कीमतें वसूल कर लेते हैं।
महाकौशल अंचल में उद्योगों के सरताज बन चुके केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र जिला छिंदवाड़ा में अगर पावर प्लांट का विरोध किया जा रहा है और वह भी कांग्रेस कमेटी के बेनर तले तो निश्चित तौर पर पावर प्लांट से नुकसान ज्यादा फायदा कम ही होगा। माना जाता है कि उद्योगों के मामले में छिंदवाड़ा जिले को संपन्न करने में क्षेत्रीय सांसद कमल नाथ ने महती भूमिका आद की है।
जिला कांग्रेस कमेटी छिंदवाड़ा द्वारा जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड अमरवाड़ा के ग्राम मंधानगढ़, राहीवाड़ा, लछुआ, धादरा, ढोगीखेड़ा, कोल्हिया आदि ग्रामों में जमीन अधिग्रहण में एसकेएस कंपनी ने राजस्व अधिकारियों के साथ घर बैठे ही सवेक्षण करवाकर मनमर्जी से काम किया जा रहा है। इसके साथ ही साथ अनेक बिंदुओं पर शिकायत कर जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
वहीं दूसरी ओर कद्दावर नेत्री सुश्री विमला वर्मा की कर्मभूमि रही इस विरासत को वर्तमान में मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा सहेजा जा रहा है। बावजूद इसके आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वात्वि वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा डाले जा रहे पावर प्लांट की दो विसंगतिपूर्ण जनसुनवाई और अदिवासियों के शोषण के बावजूद भी जिला कांग्रेस कमेटी सिवनी का मौन आश्चर्यजनक और संदिग्ध ही माना जाएगा।

(क्रमशः जारी)

कोई टिप्पणी नहीं: