गुरुवार, 13 सितंबर 2012

जन्माष्टमी पर लायें अपने जीवन में खुशहाली----


जन्माष्टमी पर लायें अपने जीवन में खुशहाली----

 (पंडित दयानन्द शास्त्री)

नई दिल्ली (साई)। इस उपाय से आप बनेंगे धनवान रू- भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं। इसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डालें।

2- मालामाल होना रू- इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें।

3- केसे हो सुख - शांति रू- श्रीकृष्ण मंदिर में जाकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र की 11 माला जप करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को पीला वस्त्र व तुलसी के पत्ते अर्पित करें। मंत्र - {ष्क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरिरू परमात्मने प्रणतरू क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमरूष्}

4- केसे हो मां लक्ष्मी की कृपा रू- श्रीकृष्ण को पीतांबरधारी भी कहते हैं, जिसका अर्थ है पीले रंग के कपड़े पहनने वाला। इस दिन पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज दान करने से प्राप्त होती है।

5- केसे हो तिजोरी में पैसा रू- जन्माष्टमी की करीब 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें तो जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती।

6- जेब खाली नहीं होगी रू- इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय कुछ रुपए इनके पास रख दें। पूजन के बाद ये रूपए अपने पर्स में रख लें।

7- घर के वातावरण के लिए रू- जन्माष्टमी को शाम के समय तुलसी को गाय के घी का दीपक लगाएं और ष्ऊँ वासुदेवाय नमरूष् मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें।

8- केसे हो आमदनी या नौकरी रू- सात कन्याओं को खीर या सफेद मीठी वस्तु खिलानी चाहिए। फिर पांच शुक्रवार सात कन्याओं को खीर बांटें।

9- कार्य बनाने के लिए रू- जन्माष्टमी से शुरू कर, सत्ताइस दिन नारियल, बादाम लगातार मंदिर में चढ़ाये।

10- कर्ज रू- श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल वृक्ष पर अर्पित करे। यह उपाय जन्माष्टमी से शुरू करे, फिर नियमित रूप से छह शनिवार यह उपाय करे।

11- केसे हो अचानक धन लाभ रू- शाम के समय पीपल के पास तेल का पंचमुखी दीपक जलाना चाहिए।

12- शत्रु रू- शाम को पीपल के पत्ते पर अनार की कलम से गोरोचन द्वारा शत्रु का नाम लिखकर जमीन में दबा दें। शत्रु शांत होंगे, मित्रवत व्यवहार करेंगे व कभी भी हानि नहीं पहुंचाएंगे।

13- धन की कमी के लिए रू- जन्माष्टमी की रात 12 बजे बाद यह प्रयोग करें। एकांत स्थान पर लाल वस्त्र पहन कर बैठें। सामने दस लक्ष्मीकारक कौडिय़ां रखकर एक बड़ा तेल का दीपक जला लें और प्रत्येक कौड़ी को सिंदूर से रंग लें तथा हकीक की माला से इस मंत्र की पांच माला जप करें। इन कौडिय़ों पर धन स्थान अर्थात जहां आप पैसे रखते हों वहां रखें।
मंत्र रू- {ष्ऊँ ह्रीं श्रीं श्रियै फट्ष्}

14- केसे हो सुंदर संतान रू- जन्माष्टमी के दिन सुबह या शाम के समय कुश के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जप करें। सामने बालगोपाल की मूर्ति या चित्र अवश्य रखें और मन में बालगोपाल का स्मरण करें।
कम से कम 5 माला जप अवश्य करें। मंत्र - {ष्देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणंगता।।ष्} (साई फीचर्स)

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