बुधवार, 30 जनवरी 2013

नंदीशाला योजना से ५ साल में बदली महेन्द्र की किस्मत


नंदीशाला योजना से ५ साल में बदली महेन्द्र की किस्मत

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। दूध बेचकर अपना भरण-पोषण करने वाले महेन्द्र के पास मात्र ७-८ देशी गायें थीं। नगरपालिका क्षेत्र सिवनी के उपनगर डूंडासिवनी में रहने वाले महेन्द्र के पास अपनी आजीविका का साधन तो था, परन्तु मन में ऊंचा उठने की ललक भी थी। उन्होंने अपनी आमदनी बढाने की सोची। करीब पांच साल पहले महेन्द्र पशु चिकित्सा विभाग पहुंचे। अधिकारियों को अपनी समस्या बताकर कहा कि केवल ७-८ गायों से उनकी आमदनी अपेक्षा के अनुरूप नहीं बढ पा रही है। वो गायों की संख्या बढाना चाहते है, परन्तु गाय खरीदने के लिये उनके पास पूंजी नहीं है। महेन्द्र की समस्या जानकर अधिकारियों ने उसको पशुपालन विभाग द्वारा संचालित नंदीशाला योजना के अंतर्गत सांड प्रदाय का हितग्राही बना लिया। इस योजना के अंतर्गत अधिकारियों ने महेन्द्र को एक उन्नत नस्ल का साहीवाल सांड प्रदान किया। इस सांड द्वारा सभी गायों को प्राकृतिक गर्भाधान से गघ्भत किया गया, जिससे वर्तमान में महेन्द्र के पास उन्नत देशी नस्ल की ३० से ३५ गायें हो गई है। इन गायों का दूध बेचकर महेन्द्र ने गत वर्ष ३० से ४० हजार रूपये का शुद्व लाभ अघ्जत किया। महेन्द्र अब अपने इलाके के एक बडे पशुपालक बन गये है। नंदीशाला योजना से किस्मत इस कदर करवट लेगी यह तो खुद महेन्द्र ने भी नहीं सोचा था। महेन्द्र की इस दिन-दूनी बढती आमदनी को देखकर आसपास के ग्रामीण पशुपालक भी अपनी गायों को इस सांड से प्राकृतिक गर्भाधान कराकर उन्नत नस्लवृद्वि का लाभ पा रहे हैं।                 

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