मंगलवार, 1 जनवरी 2013

जनसंपर्क में दलाली चरम पर!



लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 34

जनसंपर्क में दलाली चरम पर!

(विनय डेविड)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद मध्य प्रदेश के जनसंकर्प विभाग में दलाली की चर्चाएं अब आम होने लगी हैं। चर्चाएं हैं कि मध्य प्रदेश से इतर दिल्ली एवं अन्य प्रदेशों से प्रकाशित होने वाले ईद के चांद मानिंद अखबारों, पत्रिकाओं आदि को विज्ञापन दिलवाने की आड़ में कमीशन का गंदा खेल खेला जा रहा है। गंदा है पर धंधा है की तर्ज पर जनसंपर्क विभाग से सेवानिवृत हुए आला अफसरान ही इस काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
दिल्ली से आए एक पत्रिका के प्रतिनिधि ने नाम और पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग में सेवानिवृत अधिकारियों द्वारा बाहर की पत्रिकाओं और अखबारों को यह प्रलोभन दिया जा रहा है कि अगर वे उन सेवा निवृत अफसरों या उनके परिजनों को अपना मध्य प्रदेश प्रतिनिधि बना दें तो वे अफसर उनके लिए विज्ञापनों की झडी लगा सकते हैं।
उक्त प्रतिनिधि ने साई न्यूज को बताया कि अगर आपकी जान पहचान जनसंपर्क विभाग में नहीं है तो आपको जनसंपर्क से विज्ञापन लेने के लिए ना जाने कितने पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। उन्होने आगे कहा कि अगस्त सितम्बर माह में जनसंपर्क मंत्री की अनुशंसा को जनसंपर्क के विज्ञापन विभाग द्वारा कचरे की टोकरी में डाल दिया गया है, पर जहां कमीशन का खेल है वहां बिना जनसंपर्क मंत्री की अनुशंसा के ही विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं।
चर्चा तो यहां तक भी है कि दिल्ली में पदस्थ रहे एक चर्चित अधिकारी ने भी सेवानिवृति के उपरांत अपने दिल्ली के पुराने संपर्कों को जीवंत कर उन अखबारों और पत्रिकाओ जो यदा कदा ही प्रकाशित होते हैं को साधकर उनका अपने नाते रिश्तेदारों या परिचितों को उसका प्रतिनिधि बनाकर उनके लिए खासे विज्ञापन बटोर लिए गए हैं। तथा कुछ को अभी प्रलोभन इसी तरह का दिया गया है। इन चर्चाओं में सच्चाई कितनी है यह बात या तो सेवानिवृत अधिाकारी जाने या जनसंपर्क का विज्ञापन विभाग किन्तु कुछ लोगों द्वारा सूचना के अधिकार कानून में विज्ञापनों के बारे में पतासाजी करने का काम आरंभ किया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि किसको, कितना अैर किसकी सिफारिश पर दिया गया है विज्ञापन!

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