रविवार, 24 मार्च 2013

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में होगा संशोधन


भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में होगा संशोधन

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। सरकार रिश्वत देने वालों को दंडित करने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन करेगी। फिलहाल, इस कानून में केवल रिश्वत लेने वालों के लिए सजा का प्रावधान है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय संपादक सम्मेलन में कहा कि उनके मंत्रालय ने कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ईमानदार कर्मचारियों को संरक्षण देने की जरूरत है। श्री नारायणसामी ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार अब, सरकारी कर्मचारियों में नैतिक मूल्यों पर बल दे रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने आरोपित कर्मचारियों की जांच के निपटारे की समय-सीमा भी कम कर दी है।
श्री नारायणसामी ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच अब एक निश्चित समय-सीमा के भीतर ही की जाती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र, सरकारी कर्मचारियों के काम-काज का मूल्यांकन करेगा और जिनका काम-काज संतोषजनक नहीं पाया जाएगा, उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
श्री नारायणसामी ने कहा कि भ्रष्टाचार की शुरुआत लोक सेवा प्रदायगी व्यवस्था से होती है और लोक सेवा प्रदायगी विधेयक संसद में पारित होते ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सेवाएं एक निश्चित समय-सीमा के भीतर उपलब्ध हों। ई-गवर्नेन्स कार्यक्रम के बारे में श्री नारायणसामी ने कहा कि सरकार अपने कार्यालयों को पूरी तरह कम्प्यूटर चालित बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस कार्यक्रम के लाभ से अवगत कराने के लिए संगोष्ठियों और सम्मेलनों का आयोजन कर रही है।
श्री नारायणसामी ने देश में एक हजार से ज्यादा सिविल सेवा अधिकारियों की कमी का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के ७० प्रतिशत से अधिक अधिकारियों की तैनाती राज्यों की सेवा के लिए हुई है। उन्होंने प्रशासन में पारर्शिता को बढ़ावा देने के लिए अच्छे अधिकारियों की आवश्यकता पर बल दिया। 

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