रविवार, 28 जुलाई 2013

हिलने लगी कांग्रेस संगठन की नींव!

हिलने लगी कांग्रेस संगठन की नींव!

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। जिले की कांग्रेस को एक सूत्र में पिरोकर रखने वाले कद्दावर नेता हरवंश सिंह ठाकुर के अवसान के उपरांत अब कांग्रेस का संगठन डगमगाता दिख रहा है। हरवंश सिंह के उपरांत कांग्रेस में शायद कोई नेता इस कद का नहीं बचा है जो संगठन को थामकर सारे कांग्रेसियों में एकराय बनवा सके। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस के पर्यवेक्षक अबरार अहमद की उपस्थिति में कांग्रेस की जगह जगह हो रही रायशुमारी में इसी तरह की धारणा उभरकर सामने आ रही है। हालात देखकर लोग कहने लगे हैं कि हरवंश सिंह के अवसान के साथ ही सिवनी जिले का कांग्रेसी किला दरकने लगा है।
गत दिवस नगर कांग्रेस कमेटी की रायल लान में संपन्न हुई बैठक भी भड़ासबैठक और निपटाओ समितिको कोसने का माध्यम बनकर रह गई। इस बैठक में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हीरा आसवानी की अनुपस्थिति चर्चाओं में रही। वहीं, केंद्रीय मंत्री कमल नाथ ने 13 जून को महावीर पैलेस में यह घोषणा की थी कि एक माह के अंदर कांग्रेस भवन का काम आरंभ हो जाएगा।
इसके ठीक 31वें दिन जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा काम आरंभ किया गया किन्तु बेहद सादगी और गुपचुप तरीके से। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के अनेक क्षत्रप नदारत ही रहे। यहां तक कि सालों बाद 2008 के विधानसभा चुनावों में चलने फिरने में असमर्थ हो चुकीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री विमला वर्मा ने एक रैली में जीप में बैठकर शिरकत की थी, को भी किसी ने डीसीसी भवन के भूमि पूजन में लाना मुनासिब नहीं समझा, जबकि जगत्गुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती और खुद केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के अलावा कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह भी उनसे भेंट करने उनके घर पर गए थे।
रायल लॉन की बैठक में हंगामा इस कदर बढ़ा कि कांग्रेस के महज तीन लोग ही अपनी बात रख पाए। 2008 में कांग्रेस प्रत्याशी रहकर अपनी जमानत जप्त करा चुके प्रसन्न मालू अभी भी कप प्लेट के साथ मिलकर कांग्रेसियों द्वारा कांग्रेस को दगा देने वाली बात भूल नहीं पाए हैं। उन्होंने कांग्रेस के अनेक नेताओं को परोक्ष और नामजद आरोप लगाकर कहा कि इन नेताओं ने 2008 में निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश राय का साथ देकर उनके साथ भीतराघात किया है।
वहीं, एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि एक स्थान पर पिछले दिनों जब दिनेश राय और एक कांग्रेस के नेता का मिलना हुआ, तब दिनेश राय द्वारा उक्त नेता से कहा गया कि पिछले चुनाव में उन्होंने दिनेश राय का साथ नहीं दिया वरना वे जीत जाते। इस पर उक्त नेता ने छूटते ही कहा कि वे कैसे दिनेश राय का साथ देते, क्योंकि बर्रा दरबार ने तो उन्हें नीता भाभी (श्रीमति नीता पटेरिया) का काम करने को कहा था।

बरघाट अध्यक्ष रहे गायब!
बताया जाता है कि गत दिवस बरघाट में अबरार अहमद के पहुंचने पर ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र बिसेन का ही अता पता नहीं था। वहीं, उनकी अनुपस्थिति में मलारा निवासी गफ्फार खान को बरघाट ब्लाक कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बताकर मिलवा दिया गया। बरघाट के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चल रही चर्चाओं के अनुसार या तो जिला कांग्रेस कमेटी ने पीसीसी के पर्यवेक्षक अबरार अहमद के बरघाट दौरे की बात महेंद्र बिसेन को नहीं बताई या फिर महेंद्र बिसेन खुद कमल नाथ के झंडे तले नहीं आना चाह रहे हैं।

लखनादौन में रहा हंगामा
वहीं दूसरी ओर लखनादौन में पीसीसी पर्यवेक्षक अबरार अहमद की उपस्थिति में जमकर हंगामा हुआ। यहां सारी मर्यादाओं, अनुशासन को बलाए ताक पर रखकर कांग्रेस में तत्कालीन कद्दावर नेता हरवंश सिंह द्वारा आयातित कुंवर शक्ति सिंह ने पर्यवेक्षक से साफ कह दिया कि वे केवलारी से टिकिट के दावेदार नहीं वरन् उम्मीदवार हैं। शक्ति सिंह की दंभोक्ति से लगा मानो कांग्रेस के अंदर अनुशासन बचा ही नहीं है। मजे की बात तो यह है कि इस तरह की अनुशासन हीनता के बाद भी जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा अब तक शक्ति सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही ना किया जाना आश्चर्यजनक ही है।

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