मंगलवार, 16 जुलाई 2013

हाथ की भी गई, तवे की भी गई!

हाथ की भी गई, तवे की भी गई!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। गांधीवादी समाजसेवी अण्णा हजारे की 8 जुलाई की सिवनी यात्रा की चर्चाएं अब चटखारों में तब्दील हो गई हैं। इस यात्रा को लेकर अब हास्य का विषय यह बन गया है कि किसी भी नेता या अन्य के साथ अण्णा ने एक अदद फोटो तक नहीं खिचवाया।
सोशल नेटवर्किंग वेब साईट फेसबुक पर भी अपनी अपनी तारीफों में कशीदे गढ़ने वाले सिवनी जिले से चुनाव लड़ने की मंशा मन में पालने वाले लोगों की भी एक तस्वीर अण्णा के साथ इस कार्यक्रम के दौरान ना दिखना चर्चा का ही विषय बना हुआ है।
चर्चाओं के अनुसार अण्णा के स्वागत में पलक पांवड़े बिछाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने वाले साहेबान के हाथ भी कुछ नहीं लग सका है। लोग अब यह पता करने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर अण्णा की यात्रा के पूर्व सिवनी आए पूर्व विधायक सुनीलम से गलबहियां करने वालों को अण्णा ने सिरे से नकारकर अपने आप से दूर क्यों रखा?
अण्णा की यात्रा के माध्यम से जिला मुख्यालय सहित सिवनी जिले विशेषकर सिवनी विधानसभा में एक संदेश देने का विफल प्रयास करने वाले उक्त साहेबान के समर्थक भी यह नहीं पता कर पा रहे हैं कि आखिर अण्णा से उक्त साहेबान को दूर रखने की फील्डिंग किसने की और अण्णा के धूमा तक पहुंचने तक सब कुछ अंडर कंट्रोल होने के बाद अचानक बाजी कैसे पलट गई।

चर्चा तो यहां तक भी है कि अब उक्त साहेबान के समर्थक लोगों से यह कहते भी फिर रहे हैं कि यार लंबा पैसा पानी जैसा बह गया, और अण्णा ने हाथ तक रखने नहीं दिया। ‘‘भईया जी‘‘ के तो हाथ की भी गई तवे की भी गई।

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