रविवार, 23 मार्च 2014

अब तो कांग्रेस को नकारा नेताओं का ही सहारा

अब तो कांग्रेस को नकारा नेताओं का ही सहारा

(मोदस्सिर कादरी)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए कहा जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस में जान फूंकने के लिए अमरिंदर सिंह और अंबिका सोनी को लोकसभा चुनाव लड़ने के निर्देश दिए।
ये बात दीगर है कि ये दोनों नेता कतई जन नेता नहीं माने जा सकते। इनका आम अवाम से कोई लेना-देना नहीं रहा। अमरिंदर सिंह पटियाला के अपने महल में वक्त गुजारते हैं। उनसे आम तो छोड़िए खास इंसान भी नहीं मिल सकता। उधर, अंबिका सोनी ने हमेशा राज्यसभा की राजनीति की है। कभी युवा कांग्रेस में एक्टिव सोनी को संजय गांधी का करीब माना जाता था। अब जरा अंदाजा लगा लें कि इन नकारा नेताओं से वो लोकसभा चुनाव जीतना चाहती हैं।
खबरें आ रही हैं वो मणिशंकर अय्यर को भी चुनाव लड़ने के लिए कह सकती हैं। यानी एक एक और नकारा नेता को लड़ाने की तैयारी। अमरिंदर सिंह की ख्याति एक इस तरह के नेता की है जो अपने साथियों के साथ भी मिलकर काम नहीं कर पाते। उनका पंजाब कांग्रेस प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा से लंबे समय से पंगा चल रहा है। उन्हें भी कहीं न कहीं लगता है कि वो अमृतसर से बीजेपी के उम्मीदवार को टक्कर देने की हालत में नहीं है।

पर सोनिया के दबाव के चलते उन्हें चुनाव लड़ना पड़ रहा है। वहीं अकाली भाजपा लोकसभा उम्मीदवार अरुण जेटली का अमृतसर में चुनाव प्रचार जोर पकड़ गया है। वे जनता से मिल रहे हैं। उनके सवालों और शिकायतों को सुन रहे है। उनसे वादे कर रहे हैं। अधूरे कामों को पूरा आश्वासन दे रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के उनके खिलाफ अमरिंदर सिंह को मैदान में उतारने से जेटली का काम आसान हो गया है। अमरिंदर पर अपने ही दल के नेताओं से हमेशा झगड़ा-असहयोग करने के आरोप लगते रहते हैं।

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