गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

पेंच में हुआ 40 लाख का बन्दरबांट

पेंच में हुआ 40 लाख का बन्दरबांट

अति सुरक्षि पेंच नेशनल पार्क से चोरी हुए ट्रिप केमरे

(लिमटी खरे)

सिवनी। वन्य जीवों पर नज़र रखने के लिए मंहगे ट्रिप केमरे ही सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क से चोरी कर लिए गए हैं। देहरादून से बुलवाकर पेंच में स्थापित किए गए ट्रिप केमरों में से पांच केमरे जगह से नदारत पाए गए हैं। इसकी बाकायदा पुलिस में सूचना भी दजZ की गई है। पिछले एक असें से चर्चा में आए पेंच नेशनल पार्क में नित नई घटना घट रही है। यहां पदस्थ वन विभाग के मुलाजिम अपने कर्तव्यों और वन्य जीवों के प्रति कितने संवेदनशील हैं, इस बात का प्रमाण आए दिन यहां होने वाले वन्य जीवों के शिकार से मिलता है। पिछले दिनों यहां एक नर बाघ की मौत का मामला विधानसभा में भी गूंजा था। जिला मुख्यालय सिवनी की विधानसभा सीट पर भाजपा से चुनाव जीतीं परिसीमन में समाप्त हुई सिवनी लोकसश की अन्तिम सांसद श्रीमति नीता पटेरिया ने यह प्रश्न उठाया था, तब वन मन्त्री सरताज सिंह ने प्रबंधन की लापरवाही से साफ इंकार किया था। बाद में वन मन्त्री के सदन में दिए बयान की हवा उस वक्त निकल गई जब उक्त बाघ की बिसरा रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि उक्त बाघ की मौत सामान्य नहीं थी, वरन उसे जहर देकर मारा गया था। इसके पहले यहां शावकों की मौत पर भी हाय तौबा मची थी। सवाल यह उठता है कि जिस राष्ट्रीय उद्यान की सुरक्षा के लिए वहां सुरक्षा बल मौजूद हो, जहां यह दावा किया जाता हो कि यहां परिन्दा भी पर नहीं मार सकता है, वहां शिकारी आकर सरेआम शिकार कर रहे हों, वन्य संपदा की कटाई चरम पर हो तब यही कहा जा सकता है कि जब समूचे कुंए में ही भांग घुली ह® तब क्या किया जा सकता है। गौरतलब है कि इस नेशनल पार्क के रखरखाव, देखरेख और वन्य संपदा और जीवों की हिफाजत का जिम्मा मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारी डॉ. के. नायक और वनमण्डलाधिकारी स्तर के अधिकारी ओम प्रकाश तिवारी के मजबूत कांधों पर सौंप रखा है। क्षेत्र में चल रही चर्चाओं के अनुसार जबसे उक्त अधिकारीद्वय ने यहां कार्यभार सम्भाला है तब से पेंच नेशनल पार्क के वन्यजीव अपने आप को बुरी तरह असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। बताया जाता है कि इनके कार्यकाल में अब तक तीन बाघ और दो शावक असमय ही काल कलवित हो चुके हैं। इस चमत्कार के बाद वित्तीय वर्ष 2009 - 2010 के अन्तिम दिन आनन फानन 40 लाख रुपए के धनादेश (चेक) काट दिए गए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार नियमानुसार काम पूरा होने पर वर्क वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट जारी होने के उपरान्त ही धनादेश जारी किए जाते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पदस्थ सात में से छ: वनपालों के बीच 40 लाख रुपए की राशि के चेक एक ही दिन में काट दिए गए हैं। बताया जाता है कि इस वित्तीय वर्ष में पांच तालाब और कुछ बििल्डंग के निर्माण हेतु यह राशि जारी की गई है। सूत्र बताते हैं कि उक्त राशि पिछले साल जुलाई माह में पेंच नेशनल पार्क सिवनी को आवंटित कर दी गई थी, बावजूद इसके अभी तक इस राशि की मद में कोई काम संपन्न नहीं हो सका है। जानकारों का मानना है कि अब जब रेंजर्स के पास राशि आ गई है, तब वे इस राशि को किस मद में फूंकेगे यह कहा नहीं जा सकता है। अमूमन काम पूरा होने पर उसकी गुणवत्ता को देखने के बाद ही राशि जारी की जाती है, मगर इस मामले में यह नहीं कहा जा सकता है कि यह काम गुणवत्ता के साथ होगा या होगा भी या नहीं, हो सकता है काम कराए बिना ही राशि बिना डकार के पचा ली जाए।

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