गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

राजमाता फेंट सकतीं हैं अपने पत्ते

राजमाता फेंट सकतीं हैं अपने पत्ते
टीम सोनिया के पुर्नगठन की सुगबुगाहट
एक व्यक्ति एक पद का सिद्धान्त हो सकता है लागू
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 01 अप्रेल। ऑल इण्डिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में फेरबदल की सुगबुगाहटें तेज हो गईं हैं। आने वाले समय में एआईसीसी में नए चेहरे आमद दे सकते हैं। कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी पर बढते दवाब के चलते वर्तमान में सत्ता और संगठन की जवाबदारी सम्भालने वाले अनेक नेताओं को एक पद खोना पड सकता है। एआईसीसी में अनेक नेताओं ने पदोन्नती की आस में ही अपने बाल सफेद कर लिए हैं। यही कारण है कि कांग्रेस के अखिल भारतीय कार्यालय 24 अकबर रोड में अब रोष और असन्तोष का तापमान दिनोन्दिन बढता ही प्रतीत हो रहा है।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केन्द्र 10 जनपथ के सूत्रों का दावा है कि पार्टी में आनन फानन फेरबदल की आवश्यक्ता इसलिए पडने लगी है, क्योंकि आलाकमान पर एक व्यक्ति एक पद के सिद्धान्त को लागू करने का दवाब बढता ही जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के ही एक ताकतवर पदाधिकारी द्वारा महाभारत के अर्जुन के तरह अपने निशाने को साधा जा रहा है। कल तक सत्ता के गलियारे में ताकतवर रहे और फिर चन्द सालों के लिए सत्ता के बियावन से बाहर हुए राजनेता द्वारा इस तरह का तानाबाना बुना जा रहा है ताकि सत्ता और संगठन दोनों ही में मलाई काट रहे नेताओं के एक हाथ से लड्डू छुडा लिया जाए। वर्तमान में नारायण सामी, जयराम रमेश, पृथ्वीराज चव्हाण, गुलाम नवी आजाद, मुकुल वासनिक, वीरप्पा मोईली आदि के पास संगठन के साथ ही साथ सत्ता के पद भी हैं।
सूत्रों ने आगे बताया कि आलाकमान के निर्देश पर गुलाम नवी आजाद को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने कमरे में करण सिंह के लिए स्थान बनाएं तो मोईलो को मणिशंकर अय्यर के लिए कमरा खाली करने को कहा गया है। गौरतलब है कि मन्त्रीपद की शपथ लेने के उपरान्त इन मन्त्रियों ने शायद ही कभी एआईसीसी मुख्यालय की ओर रूख किया हो। सूत्रों ने बताया कि आलाकमान को मिली शिकायतों में कहा गया है कि कार्यकर्ता जब भी इनसे संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें काफी मशक्कत करनी होती है। पार्टी के अदने से सिपाहियों को इन मन्त्रियों के बंग्लों से दुत्कार कर भगा दिया जाता है।
कमोबेश यही आलम पार्टी के सचिवों का है। पार्टी में अनेक सचिव एसे हैं जो सालों से कुर्सी पर चिपक कर रह गए हैं। टाम वडाक्कन एसी शिख्सयत है, जो पार्टी के मीडिया प्रभाग से तब से जुडे हुए हैं जबसे श्रीमति सोनिया गांधी अध्यक्ष पद पर काबिज हुईं हैं। पार्टी में सचिव वडाक्कन के अलावा इरशाद बघेल, प्रवीर डावर, अनीस दुर्रानी, इमरान किदवई, मेजर वेदप्रकाश आदि सालों से पदोन्नति की बाट ही जोह रहे हैं। जब भी उपकृत करने की बारी आती है, इनके स्थान पर किसी और को राज्यपाल बना दिया जाता है या राज्य सभा में भेज दिया जाता है, अथवा किसी निगम का अध्यक्ष्ष बना दिया जाता है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि आलाकमान को बताया गया है कि अगर बिना रीढ के लोगों को इसी तरह इनाम दिया जाता रहा तो पार्टी ही की रीढ टूट सकती है। बी.के.हरिप्रसाद और प्रथ्वीराज चाव्हाण जिनका परफारमेंस अब तक ऋणात्मक रहा है, और जो अपने अपने राज्यों में पार्टी को जिला नहीं सके हैं, उन्हें उच्च आसनी दिए जाने से कार्यकर्ता बुरी तरह खफा हैं। कहा जा रहा है कि आलाकमान को कहा गया है कि इन आधार विहीन लोगों को उनके राज्यों में ही पार्टी प्रमुख बनाकर भेजा जा सकता है। वैसे भी वीरप्पा मोईली पर तेलंगाना मुद्दे की गुत्थी उलझाने के आरोप लग रहे हैं।

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