गुरुवार, 29 अप्रैल 2010

वजीरे आजम पेश करेंगे रिपोर्ट कार्ड


वजीरे आजम पेश करेंगे रिपोर्ट कार्ड

यूपीए 2 की पहली सालगिरह 22 को

पीएमओ कर रहा जोर शोर से तैयारियां

अंग्रेजी में होगा मन्त्रालयों का लेखा जोखा

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 29 अप्रेल। गांधी नेहरू परिवार से इतर पहले कांग्रेसी प्रधानमन्त्री होने का खिताब पाने वाले डॉ.मनमोहन सिंह जिन्होंने लगातार दूसरी बार 7 रेसकोर्स रोड (प्रधानमन्त्री का सरकारी आवास) पर अपना कब्जा बरकरार रखा है, के द्वारा अब अपनी दूसरी पारी के पहले साल में कुछ नया करने की ठानी है। 22 मई को एक साल का कामकाज पूरा होने पर प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा सरकार का रिपोर्ट कार्ड जनता के समक्ष रखा जा सकता है, ताकि जनता फैसला कर सके कि यह सरकार काम करने वाली सरकार है, न कि बतोले बाजी में वक्त जाया करने वाली।

पीएमओ के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि प्रधानमन्त्री के प्रमुख सचिव टी.के.ए.नायर द्वारा अनेक मन्त्रियों और मन्त्रालय को पत्र लिखकर समय सीमा (टाईम लिमिट) में उनके मन्त्रालयों की उपलब्धियां भेजने के लिए खत लिख चुके हैं। सूत्रों के अनुसार भारत गणराज्य की भाषा हिन्दी है, पर यह रिपोर्ट कार्ड अंग्रेजी में ``रिपोर्ट टू द प्यूपिल`` के नाम से जारी किया जाएगा। कहा जा रहा है कि जनता के बजाए इसे एलीट क्लास के लोगों को समझाने के लिए जारी की जा रही है। आखिर सरकार चलती भी तो उन्हीं के इशारों पर ही है।

भले ही मन्त्रालयों पर काबिज मन्त्री भ्रष्टाचार के तराने गा रहे हों, आसमान छूती मंहगाई के चलते जनता की कमर टूटी हो, शशि थुरूर के कारण कांग्रेस की भद्द पिट रही हो पर प्रधानमन्त्री चाहते हैं कि उनकी सरकार का उजला पक्ष जनता के सामने आए। वैसे इस प्रतिवेदन में महिला आरक्षण बिल, शिक्षा का अधिकार, फुड सिक्यूरिटी बिल को प्रमुखता के साथ शामिल किए जाने की खबर है। गौरतलब है कि प्रधानमन्त्री ने शिक्षा के अधिकार के लागू होने वाले दिन प्रधानमन्त्री ने लीक से हटकर राष्ट्र को संबोधित किया था।

प्रधानमन्त्री की मंशा के चलते अनेक मन्त्रियों की सांसे थम गई हैं। दूसरी पारी में नए विभागों से सजे धजे मन्त्रियों द्वारा अपना पूरा समय मौज मस्ती और पुरानी रंजिशें निकालने में गंवा दिया है, अत: उनके पास अब नया करने को कुछ खास नहीं है, जिसे वे अपनी उपलब्धि के बतौर बता सकें। कहा जा रहा है कि विभाग की सूरत और सीरत को रंग रोगन कर संवारने के लिए मन्त्रियों ने कुछ प्रोफेशनल्स की मदद भी ली जा रही है, ताकि पुरानी उपलब्धियों को नए मन्त्रियों के खाते में डालकर अपनी जान छुडाई जा सके।

1 टिप्पणी:

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बढिया पोस्ट. शानदार कार्टून.