शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

फोरलेन विवाद का सच ------------ 12


दिल्ली में गूंजा सिवनी का फोरलेन का विवाद

गुरूवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकार वार्ता में कहा कि सिवनी के साथ केंद्र सरकार अन्याय कर रही है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सन 1545 में शेरशाह सूरी द्वारा बनाए गए एतिहासिक महत्व के मार्ग को बंद करने का षणयंत्र रच रही है। जब इस मामले में मुख्यमंत्री के समक्ष सिवनी के तत्कालीन जिला कलेक्टर पिरकीपण्डला नरहरि के द्वारा 18 दिसंबर को जारी आदेश के बारे में पूछा गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ही इसे रोक रही है, जिला कलेक्टर का आदेश कब का है, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इसके उपरांत जब दस्तावेज उनके समक्ष रखे गए तो मुख्यमंत्री ने दस्तावेज अपने पास रखकर इस मामले को गंभीरता से देखने की बात की है।

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 19 अगस्त। ‘‘कांग्रेसनीत केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के साथ अन्याय किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। अगर केंद्र सरकार को भाजपा से कोई गिला शिकवा है तो वह भाजपा के साथ अपना संघर्ष करे, किन्तु मध्य प्रदेश की साढ़े छः करोड़ गरीब जनता के साथ अन्याय करने का उसे कोई अधिकार नहीं है। देश में संघीय व्यवस्था लागू है, हम भीख नहीं अपना अधिकार मांग रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा कोयला, खाद्यान्न, इंदिरा आवास, सड़क आदि सभी मामलों मंें मध्य प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। एक षणयंत्र के तहत सन 1545 में बनाए गई सड़क को सिवनी जिले के पेंच के उद्यान के बहाने से समाप्त करना चाह रही है।‘‘ उक्ताशय की बात आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के विद्युत तापग्रहों 170 लाख मीट्रिक टन कोयले के स्थान पर महज 136 मीट्रिक टन कोयला ही प्रदाय किया जा रहा है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश में बिजली के उत्पादन में वर्ष 2009-2010 में 539.71 मिलियन यूनिट और 01 अप्रेल से 18 अगस्त तक 535.65 यूनिट की कमी आई है। मध्य प्रदेश की खदानों का कोयला अन्य राज्यों को दे दिया जा रहा है, और मध्य प्रदेश को अन्य राज्यों से कोयले की आपूर्ति किए जाने को अव्यवहारिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयले के आवंटन का युक्तियुक्तकरण होना अनिवार्य है।

शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की तादाद अंत्योदय कार्ड सहित मध्य प्रदेश में 67 लाख 70 हजार है, किन्तु भारत सरकार द्वारा महज 41 लाख 25 हजार लोगों को ही बीपीएल मानकर अनाज मुहैया करवाया जा रहा है, जिससे 26 लाख 45 हजार परिवार आज भी 35 किलो प्रति परिवार की दर से अनाज पाने से वंचित हैं। श्री सिंह ने कहा कि योजना आयोग के सदस्य सुरेश तेंदुलकर की अध्यक्षता वाली समिति ने अपने प्रतिवेदन में सूबे के 48.6 फीसदी लोगबों को निर्धन बताया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्होने कहा कि एक ओर तो अनाज सड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार जरूरत मंदों के नाम सूची से काटकर उन्हें अनाज से वंचित कर रही है।

इंदिरा आवास के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में तो केंद्र सरकार ने पक्षपात की सारी हदें ही पार कर दी हैं। राज्यों के लिए लक्ष्यों का निर्धारण जनगणना के आधार पर किया जाता है। असम की आबादी दो करोड़ 32 लाख है वहां 22 लाख 41 हजार, और एम पी में जहां चार करोड़ 43 लाख ग्रामीण आबादी होने के बाद भी आवासों की कमी महज दो लाख आठ हजार ही बताई जा रही है।

सड़कों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में बनाई गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश ने 26 हजार 578 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। मध्य प्रदेश सड़कों के मामले में सदा ही नंबर वन रहा है। पत्रकारों ने जब भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ के द्वारा मध्य प्रदेश को पर्याप्त सहयोग देने की बात और उस दौरान मध्य प्रदेश के लोक कर्म मंत्री के उनके साथ खड़े होकर हां में हां मिलाने की बात कही गई तब मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री क्या हम भी उनके साथ बैठते हैं, पर सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश के लिए जितनी सड़कें दी गईं हैं, वे कुछ जिलों तक ही सीमित हैं। साथ ही साथ इसके लिए आठ सौ करोड़ रूपए की राकि स्वीकृत किए हैं, पर आवंटन मिला है महज 193 करोड़ रूपए ही।

उत्तर दक्षिण गलियारे के बारे में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शेर शाह सूरी के जमाने के एतिहासिक महत्व के इस राजमार्ग को पेंच नेशनल पार्क के नाम पर षणयंत्र कर केंद्र सरकार द्वारा सिवनी जिले के लोगों के साथ सरासर अन्याय किया जा रहा है। जब मुख्यमंत्री से यह पूछा गया कि काम को तो सिवनी के तत्कालीन जिला कलेक्टर पिरकीपण्डला नरहरि के आदेशों से रोका गया है, तो उन्होंन कहा कि इस बारे में उन्हें पता नहीं है कि किस पत्र की बात की जा रही है।

पत्रकार वार्ता के उपरांत पत्रकार लिमटी खरे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सिवनी जिले के साथ होने वाले अन्याय पर विस्तार से चर्चा की और इस मामले के हर पहलू से मुख्यमंत्री को आवगत कराया। मुख्यमंत्री को कागज दिखाकर श्री खरे ने बताया कि वनमण्डलाधिकारी दक्षिण सिवनी सामान्य वन मण्डल और जिला कलेक्टर के तत्कालीन आदेश दिखाकर उन्हें वास्तविकता बताइ्र गई कि गैर वन भूमि पर सड़क निर्माण का काम किस कारण रूका है। साथ ही यह भी बताया गया कि चूंकि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा इस मामले में अभी तक अपनी सहमति देते हुए अनुमति प्रदान नहीं की गई है, इस कारण वन भूमि पर काम आरंभ नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने बात को गंभीरता से सुनते हुए सारे प्रपत्र अपने पास रखकर इस मामले में ठोस कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ मध्य प्रदेश के भाजपाध्यक्ष प्रभात झा भी मौजूद थे।

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