शनिवार, 21 अगस्त 2010

फोरलेन विवाद का सच ------------ 13

कमल नाथ और शिवराज मिलकर कर रहे हैं फोरलेन पर राजनीति

हिमांशु कौशल

सिवनी। केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ के नेतृत्व वाला भूतल परिवहन मंत्रालय मध्यप्रदेश में 21 प्रोजेक्ट चला रहे हैं इन 21 प्रोजेक्ट में से 5 प्रोेजेक्ट कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा को केन्द्र में रखकर तैयार किये हैं जिससे सिवनी अलग हट जाये और छिंदवाड़ा केन्द्र में आ जाये. उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे कमलनाथ द्वारा अपने उŸार प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश में ही सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट चलाये जा रहे हैं संभ्वतः यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिवनी फोरलेन के मुद्दे को तूल नहीं दे पा रहे हैं.

केन्द्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री श्री कमलनाथ ने जब से भूतल परिवहन मंत्रालय का कामकाज संभाला है उनके नेतृत्व में देश के सभ्ी राज्यों में फोरलेन-टू लेन प्रोजेक्ट बनने आरंभ हो गए हैं, देश में चल रही इन परियोजनाओं में सर्वाधिक प्रोजेक्ट वे उŸार प्रदेश यानी की अपने गृह राज्य में चला रहे हैं इसके बाद दूसरा नंबर आता है मध्यप्रदेश का. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में वे 29 प्रोजेक्ट चला रहे हैं और मध्यप्रदेश में उनके द्वारा 19 प्रोजेक्ट चलाये जा रहे हैं. म.प्र. में चल रहे इन 19 प्रोजेक्टों में से 5 प्रोजेक्ट मतलब 25 प्रतिशत प्रोजेक्ट उन्होंने केवल अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा को केन्द्र में रखकर बनाये हैं.

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ द्वारा मध्यप्रदेश में जो 19 प्रोजेक्ट चलाये जा रहे हैं उनमें कमल नाथ समर्थक सांसद सज्जन सिंह वर्मा, विधायक सुखदेव पांसे, लखन घनघोरिय आदि के कार्यक्षेत्र में इंदौर से गुजरात/एम.पी. बार्डर तक, भोपाल से बरेली, बरेली से राजमार्ग क्रासिंग, राजमार्ग क्रासिंग से जबलपुर, झाँसी से खजुराहो, भोपाल से साँची, इंदौर से देवास ,ग्वालियर से देवास, बेओरा से राजस्थान बार्डर, बैतूल से नागपुर, जबलपुर से कटनी-रीवा, औबेदुल्लागंज से बैतूल, जबलपुर से मंडला चिल्पी (छ.ग.), नरसिंहपुर से अमरवाड़ा, अमरवाड़ा से उमरानाला छिंदवाड़ा बायपास होते हुए, उमरानाला से रामाकोना होते हुए सौंसर से सावनेर, सिवनी से चौरई होते हुए छिंदवाड़ा, छिंदवाड़ा से मुल्ताई और जबलपुर से लखनादौन तक है. कमल नाथ को चूंकि महाकौषल का नेता माना जाता है अतः उन्होंने जो परियोजनाएं बनवाई हैं उनमें महाकौषल का ज्यादा ध्यान रखा है, किन्तु महाकौषल के केंद्र समझे जाने वाले सिवनी जिले को ‘कमलनाथ के महाकौषल‘ के नक्षे से बाहर कर दिया गया है।

मध्यप्रदेश में चलने वाले फोरलेन-टू लेन प्रोजेक्ट्स में से 5 प्रोजेक्ट केवल छिंदवाड़ा को केन्द्र में रखकर तैयार किये गये हैं. इन पाँँच प्रोजेक्ट में पहले तीन प्रोजेक्ट 01) नरसिंहपुर से अमरवाड़ा, 02) अमरवाड़ा से उमरानाला छिंदवाड़ा बायपास को जोड़ते हुए और 03) उमरानाला से सौंसर होते हुए सावनेर नागपुर के पास तक के हैं. उक्त मार्ग पूर्व में राज्य सरकार के स्वामित्व का स्टेट हाइवे हुआ करता था. इस स्टेट हाईवे को नेषनल हाईवे में तब्दील करवाने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने भेजा और केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री से मिलकर नेशनल हाइवे घोषित करवा लिया और इसका नाम नेशनल हाइवे क्रमांक 26 बी रख दिया गया.

इसी प्रकार केन्द्रीय मंत्री श्री नाथ ने सिवनी से चौरई होते हुए छिंदवाड़ा और छिंदवाड़ा से मुल्ताई तक के स्टेट हाइवे को भी मुख्यमंत्री के साथ मिलकर नेशनल हाइवे घोषित करवा इसका नाम नेशनल हाइवे क्रमांक 69 ए घोषित कर दिया है.

केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ द्वारा 26 बी,, 69 ए नामक दो नयी नेशनल हाइवे केवल अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा को नरसिंहपुर से नागपुर और सिवनी से मुल्ताई के केन्द्र में बनाये जाने हेतु घोषित किया गया है जिसमें प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति दी है. नक्शे में यह भ्ी देखा जा सकता है कि छिंदवाड़ा के पास ही नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट सबसे सघन है. उल्लेखनीय है कि स्टेट हाइवे को नेशनल हाइवे में बदलने के लिये राज्य शासन की सहमति की सहमति के साथ राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव अनिवार्य होता है. बिना प्रदेश सरकार की सहमति ओर प्रस्ताव के केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा को नेशनल हाइवे का जंक्शन नहीं बना सकते थे. इससे स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ प्रदेश के मुखिया श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मिलकर सिवनी फोरलेन की बलि चढ़ा रहे हैं.

गौरतलब है कि यदि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के दृष्टिकोण से देखा जाये तो वे प्रदेश के मुखिया हैं और उन्हें पूरे प्रदेश का विकास देखना है यदि वे सिवनी फोरलेन के मुद्दे को तूल देते हैं और उनके ऐसा करने से केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ प्रदेश में चल रही परियोजनाओं को रोक लेते हैं तो इससे पूरे मध्य प्रदेश का भरी नुकसान होगा. संभवतः यही कारण होगा कि मुख्यमंत्री सिवनी के मुद्दे पर चुप बैठना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. गौरतलब होगा कि गुरूवार को मघ्य प्रदेष भवन में संपन्न पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान ने एक तरफ जहां केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों को आड़े हाथों लिया था वहीं दूसरी और भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ की तारीफ में कषीदे भी गढ़े थे।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि पूरे देश में नेशनल हाइवे की सबसे ज्यादा लंबाई उŸार प्रदेश में है और फिर उसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर आता है. यही कारण है कि केन्द्रीय मंत्री श्री नाथ से अगर मध्यप्रदेश में इतनी उदारता दिखाये जाने का कारण पूछा जायेगा तो इस प्रश्न का विशुद्ध राजनैतिक जवाब शायद यही दिया जायेगा कि कि उŸार प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ही एक ऐसा राज्य है जहाँ नेशनल हाइवे की लंबाई सबसे ज्यादा है इसीलिये उŸार प्रदेश के बाद वे मध्यप्रदेश में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.

बहरहाल अगर राष्ट्रीय स्तर और प्रदेश स्तर पर देखा जाये तो केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ कहीं गलत नहीं कर रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान गलत सोच रहे हैं. श्री नाथ द्वारा पूरे मध्यप्रदेश में नेशनल हाइवे का जाल बिछाया जा रहा है जिससे मध्यप्रदेश के विकास में गति मिलेगी. इसी के साथ-साथ वे अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा को राष्ट्रीय राजमार्ग का जंक्शन जैसा बना रहे हैं तो यह भ्ी ठीक है क्योंकि वे उस क्षेत्र का वर्षों से प्रतिनिधित्व करते हैं तो उसका विकास करना उनकी जिम्मेदारी है.

यहाँ महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे जनप्रतिनिधि क्या कर रहे हैं? सिवनी में भूतल परिवहन मंत्री के समर्थक माने जाने वाले विधानसभ उपाध्यक्ष श्री हरवंश सिंह और प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती नीता पटैरिया जैसी नेत्री सिवनी विधायक हैं इसके बाद भी सिवनी के साथ लगातार अन्याय ही होता आया है सिवनी वासियों को न बड़ी रेल लाइन मिली न ही संभाग मुख्यालय बनाया जा रहा है न यहाँ एफ.एम. अथवा कम्युनिटी रेडियो आया, न तो एस्टोटर्फ का स्टेडियम ही बन पाया और तो और रही सही कसर लोकसभा सीट जाने से पूरी हो गई है।

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