बुधवार, 19 जनवरी 2011

लाल बत्ती के लिए सियासत तेज

18 जनवरी 2011

मंत्रीमण्डल विस्तार आज शाम

मंत्रीमण्डल विस्तार और फेरबदल ने उड़ाई कईयों की नींद

मध्य प्रदेश पर पड़ेगा इसका सबसे ज्यादा असर

प्रणव बन सकते हैं उपप्रधानमंत्री

कुछ मंत्रियों को भेजा जा सकता है संगठन में

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के दूसरे कार्यकाल में मंत्रीमण्डल विस्तार और फेरबदल के लिए उल्टी गिनती आरंभ हो चुकी है, विस्तार आज शाम पांच बजे होगा। मौजूदा मंत्री अपनी कुर्सी बचाने तो युवा सांसद जोड़ तगाड़ कर कुर्सी पाने की जुगत में लग गए हैं। इसी बीच कल प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल तो आज कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री आवास पर अपने राजनैतिक सचिव अहमद पटेल की उपस्थिति में लगभग दो घंटे गुफ्तगू की। इन दोनों ही भेंट को मंत्रीमण्डल फेरबदल के संदर्भ में देखा जा रहा है।

मंत्रीमण्डल के पुनर्गठन की सुगबुगाहट के साथ ही दिल्ली में राजनैतिक फिजां बहुत गर्म हो गई है। कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि केंद्र सरकार अपेक्षाकृत युवा दिखने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि एमपी कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी को पीएमओ में भेजा जा सकता है, किन्तु उनके साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, इन परिस्थितियों में ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीएमओ में राज्यमंत्री बनाकर सूचना प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा जा सकता है, सिंधिया को विदेश राज्य मंत्री बनाए जाने की संभावनाएं भी बलवती ही मानी जा रही हैं। उधर अरूण यादव की पदोन्नति भी निश्चित मानी जा रही है। एमपी कोटे से कांतिलाल भूरिया के आदिवासी विकास विभाग की कमान उड़ीसा के हेमनंद विस्वाल को दी जा सकती है। एम पी को बेलेंस करने के लिए राहुल गांधी की करीबी मानी जाने वाली मीनाक्षी नटराजन को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री चाहते हैं कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को वित्त मंत्री बनाया जाए। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को उप प्रधानमंत्री बनाकर गृह मंत्रालय की कमान सौंपी जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि आज उन्होंने इसी तारतम्य में वीरभद्र सिंह, कांतिलाल भूरिया और नारायण सामी के साथ सोनिया गांधी से भेंट भी की है। उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने की गरज से वहां से किसी ठाकुर नेता को केंद्रीय मंत्री बनाने पर विचार किया जा रहा है। मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को दूरसंचार मंत्री बनाकर एचआरडी का चार्ज जनार्दन द्विवेदी को दिया जा सकता है। उधर श्रीप्रकाश जायस्वाल, बेनी प्रसाद वर्मा, जगदंबिका पाल अपना अपना दावा मजबूत करने में जुटे हुए हैं, तो सलमान खुर्शीद के लिए कानून मंत्रालय को तैयार करवाने की संभावनाएं हैं। टूजी के कारण बाहर हुए ए.राजा के स्थान पर इलानगोवान या टी.आर.बालू का दावा पुख्ता माना जा रहा है। ममता बनर्जी से हलाकान रेल राज्य मंत्री ई.अहमद चाहते हैं कि उन्हें वापस विदेश मंत्रालय में भेज दिया जाए।

कामन वेल्थ गेम्स घोटाले के छींटे जयपाल रेड्डी और मनोहर सिंह गिल पर भी पड़ सकते हैं, उधर आदर्श सोसाईटी घोटाले में भारी उद्योग मंत्री विलास राव की कुर्सी हिलने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं। ढलती उमर वीरभद्र सिंह और बी.के.हांडिक के आड़े आने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। सोनिया के पीहर वालों के खास मित्र आनंद शर्मा नए विदेश मंत्री हो सकते हैं। उधर गिरिजा व्यास को पंचायत एवं ग्रामीण विकास का प्रभार दिया जा सकता है। मंहगाई रोकने में अक्षम रहे शरद पवार से कृषि अथवा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय में से एक वापस लिया जा सकता है। उधर राजीव शुक्ला भी संसदीय कार्य राज्य मंत्री बनने के लिए अपने अपने आकाओं को सिद्ध करने में जुटे हुए हैं।

जिन मंत्रियों को सत्ता से हटाकर संगठन में लेने की चर्चाएं हैं उनमें सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नवी आजाद, शिपिंग मंत्री जी.के.वासन, भारी उद्योग मंत्री विलास राव देशमुख, खान राज्य मंत्री बी.के.हांडिक, भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ के नाम सबसे अधिक चर्चाओं में हैं। इन सभी की संगठनात्म क्षमताओं के चलते कांग्रेस आलाकमान इनका भरपूर उपयोग करने के मूड में दिख रहा है। इसके अलावा विदेश मंत्री एम.एस.कृष्णा को आंध्र प्रदेश के राजभवन मंे भेजा जा सकता है। वैसे छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा और मणिपुर से केंद्र में प्रतिनिधित्व नगण्य है, इस बारे में भी विचार चल रहा है।

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