गुरुवार, 20 जनवरी 2011

युवाओं को तरजीह न देने से राहुल हैं नाराज!

युवराज खफा हैं टीम मनमोहन के गठन से!

गायब रहे शपथ ग्रहण समारोह से

उप प्रधानमंत्री न बन पाने का मलाल दिखा प्रणव के चेहरे पर

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार से चौतरफा घिरी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की दूसरी पारी में हुए पहले फेरबदल से राहुल गांधी ने अपने आप को दूर ही रखा। उधर उप प्रधानमंत्री न बन पाने की पीड़ा प्रणव मुखर्जी के चेहरे पर साफ दिखाई पड़ रही थी। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को प्रसन्न करने के लिए फोटो सेशन में भारी उद्योग मत्री प्रफुल्ल पटेल ने उन्हें भी आमंत्रित कर डाला। इस फेरबदल से कांग्रेस में रोष और असंतोष की स्थिति बनती जा रही है। फेरबदल में आपाधापी का माहौल इस कदर था कि मंत्रियों को अपने अपने विभागों के बारे में ही पता नहीं था, जबकि सरकारी वेब साईट पर मंत्रीमण्डल की सूची पहले ही जारी कर दी गई थी।

कांग्रेस की नजर मे ंभविष्य के प्रधानमंत्री राहुल गांधी को शपथ ग्रहण समारोह में सभी की नजरें तलाशती रहीं किन्तु उन्होंने इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। राहुल के करीबी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी देश के वर्तमान हालातों और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली से खासे खफा हैं। राहुल चाह रहे थे कि मंत्री मण्डल से दागदार चेहरों को बाहर कर इसमें युवाओं को मौका दिया जाए। राहुल गांधी की बात कांग्रेस के रणनीतिकारों को जम तो रही थी किन्तु वे फिलहाल बजट सत्र तक कोई जोखम उठाना नहीं चाह रहे थे। सूत्रों की मानें तो राहुल ने अपनी नाराजगी को तल्ख शब्दों में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन ंिसह और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी तक पहुंचा दिया है। सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें केंद्र सरकार में उप प्रधानमंत्री बना दिया जाएगा। अंतिम समय में जब उनकी मनोकामना पूरी नहीं हुई तो वे शपथ ग्रहण समारोह में कटे कटे से नजर आए। समारोह में अधिकांश समय प्रणव ने पत्रकारों से बतियाकर ही गुजारा। बाद में जब प्रधानमंत्री डॉ.एम.एम.सिंह की नजर उन पर पड़ी तो खुद प्रधानमंत्री उठकर प्रणव के पास गए और इशारे से उन्हें बुलाकर उनके कान में कुछ मंत्र फूंका।

समारोह में जब मंत्रियों के साथ प्रेजीडेंट और पीएम का फोटो सेशन हो रहा था, तब पदोन्नत हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को खुश करने की गरज से उन्हें भी फोटो सेशन में शामिल होने का आमंत्रण दे डाला। जैसे ही राकांपा क्षत्रप शरद पंवार ने उन्हें देखा तो इशारे से पास बुलाकर कहा कि प्रोटोकाल के मुताबिक इस सेशन में मंत्रियों के अलावा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ही शामिल हो सकते हैं। यह मंत्रिमण्डल विस्तार कांग्रेस अध्यक्ष के लिए बहुत ही बड़ी चुनौति बना हुआ था, यही कारण है कि इसमें अंतिम समय तक लगाई जा रही अफवाहें अटकलें परवान न चढ़ सकीं। मंत्रियों को अपने अपने विभागों की जानकारी भी पत्रकारों के माध्यम से मिली, क्योंकि मंत्रियों के विभागों की सूची सरकारी वेब साईट पर शपथ ग्रहण से कुछ समय पूर्व ही डाल दी गई थी।



कांग्रेस में फट रहा है असंतोष का लावा

क्षेत्रीय संतुलन न बाना पाने और भ्रष्ट मंत्रियों के पर न कतरे जाने से कांग्रेस के अंदरखाने में रोष और असंतोष तेजी से भड़क रहा है। मीरा कुमार को छोड़कर बिहार से कोई नहीं है, वहीं छत्तीसगढ़ गोवा, त्रिपुरा, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालेण्ड, मिजोरम को भी प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। आंध्रा की रेणुका चौधरी को उम्मीद थी कि वे लाल बत्ती पा सकती हैं, किन्तु वे निराश ही हुईं। उधर यूपी के बेनी वर्मा को केबनेट मंत्री बनाने का आश्वासन दिया गया था, जिन्होंने शपथ ग्रहण के बाद अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए न तो मीडिया से चर्चा की और न ही वहां से लाल बत्ती वाली गाड़ी की सवारी करना पसंद किया। वर्मा शपथ ग्रहण के बाद अपने उसी वाहन से वापस लौटे जिसमें बैठकर वे आए थे। पीएमओ के सूत्रों ने बताया कि बाद में पीएम के निर्देश पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने वर्मा को समझाया तब जाकर गुरूवार को उन्होंने इस्पात राज्यमंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया।

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