शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

प्रभात झा पर गरजे भूरिया

झा के आरोप तथ्यहीन: भूरिया

नई दिल्ली, (ब्यूरो)। केंद्रीय जनजाति मंत्री कांतिलाल भूरिया ने मध्य प्रदेश भाजपाध्यक्ष प्रभात झा के उन आरोपों को सिरे से नकार दिया है, जिसमें भाजपाध्यक्ष ने एमपी के चारों केंद्रीय मंत्रियों को नमक हराम बताया था। भूरिया के अतिरिक्त निज सचिव आर.बी.शर्मा के हस्ताक्षरों से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रभात झा के आरोप तथ्यहीन है, वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। प्रभात झा का कथन उनकी ‘विकृत मानसिकता‘ का घोतक है। भूरिया ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार केंद्र द्वारा दी जा रही धनराशि को ही खर्च नहीं कर पा रही है।

केंद्रीय मंत्री भूरिया का कहना है कि उन्हीं के मंत्रालय द्वारा छः सालों में 13,408 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की है, जबकि एनडीए की सरकार ने छः सालों में महज 5,865 करोड़ रूपए ही जारी किए थे। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हितों को देखकर यूपीए सरकार द्वारा ऐतिहासिक वन अधिकार अधिनियम 2006 पारित किया है। इसके तहत पिछले साल दिसंबर तक मध्य प्रदेश से 4 लाख 19 हजार 226 दावे प्राप्त हुए जिसमें से 1 लाख 12 हजार 148 अधिकार पत्र वितरित कर दिए गए एवं 2,58,402 दावों को निरस्त कर दिया गया।

विज्ञप्ति में भूरिया के हवाले से कहा गया है कि आदिवासियों के लिए केंद्र सरकार ने अपना खजाना खोल दिया गया है। आदिवासी विकास के लिए बजट में 3 हजार 936 करोड़ रूपए का प्रावधान करते हुए 1367 करोड़ रूप्ए आवंटित भी कर दिए गए, इसके जवाब में एमपी गर्वमेंट ने महज 672 करोड़ रूपयों का ही उपयोग किया जा सका है। अनुसूचित जाति उपयोजना में दो हजार 714 करोड़ 16 लाख के बजट के एवज में 1262 करोड़ 92 लाख रूपए आवंटित करने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 471 करोड़ रूपए ही व्यय किए जा सके हैं। भूरिया ने आरोप लगाया कि खर्च न हो पाने के कारण हर साल चार पांच सौ करोड़ रूपए लेप्स हो रहे हैं। भूरिया ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रभात झा को नसीहत देते हुए कहा है कि वे किसी पर टीका टिप्पणी करने के पहले एक बार अपनी गिरेबान में जरूर झांक लें।

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