बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

हरवंश व पुत्र धोखाधडी से बरी

आमानाला प्रकरण में उलझे ठाकुर हरवंश सिंह एवं उनके पुत्र के मामले का खात्मा
 
मनोज मर्दन त्रिवेदी
  
सिवनी म.प्र. विधानसभा के उपाध्यक्ष ठाकुर हरवंशसिंह एवं उनके पुत्र ठाकुर रजनीशसिंह पर आमानाला नम्बर दो प्रकरण में न्यायायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी लखनादौनद्वारा आधार हीन पोये जाने पर पूरे प्रकरण को खारिज कर दिया है। इस आशय की जानकारी ठाकुर हरवंशसिंह ने स्थानीय आनंद हॉटल में आमंत्रित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को प्रदान की  और न्यायालय से सम्बन्धित कागजात भी उपलब्ध कराये। उन्होने जानकारी देते हुए कहा कि उनका यह दुर्भाग्य है कि उनके राजनैतिक प्रतिद्वन्दी उन्हें षडय़ंत्रपूर्वक फसाने के लिए किसी भी मामले को तूल देते रहते हैं और तिल का ताड़़ बनाकर उन्हें विवादों में उलझाये रहते हैं इसी प्रकार का मामला आमानाला से भी सम्बन्धित था जिसमें प्रथम श्रेणी न्यायालय लखनादौन ने पूरे मामले का झूठा असत्य एवं आधार हीन होने के कारण खारिज कर दिया है।  उन्होंने अपनी न्याय व्यवस्था के प्रति अटूट विश्वास का परिणाम बताया।
उल्लेखनीय है कि सुनवारा चौकी के अंतर्गत आनेवाले आमानाला नामक ग्राम के मोहम्मद शाह नामक व्यक्ति द्वारा अधिवक्ता पी.डी. साहू के साथ उपस्थित होकर नियाज अली, रजनीशसिंह एवं हरवंशसिंह के विरूद्ध धारा ४२०, ५०६, २९४, १२० बी., भारतीय दण्ड विधान के तहत परिवार प्रस्तुत किया गया था। लखनादौन प्रथम श्रेणी न्यायालय द्वारा उक्त परिवार धनौरा को भेजकर धारा १५६(३) दण्ड प्रक्रिया संङ्क्षहता के तहत कार्यवाही करने के लिए लिखा गया है। इस पूरे प्रकरण को  धनौरा पुलिस द्वारा विस्तृत जांच १८ जून २०१० से २८ जनवरी २०११ तक १३ बार न्यायालय से समय लेकर विभिन्न स्तरों पर विवेचना की गई। जिसमें थाना धनौरा अनुविभागीय पुलिस लखनादौन, पुलिस अधीक्षक सिवनी, पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर रेंज, एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अपराध अनुसंधान ब्यूरों, पुलिस मुख्यालय भोपाल के  द्वारा विवेचना की गई। १३ बार पुलिस द्वारा समय लेकर की गई विवेचना में पाया गया कि ठाकुर हरवंशङ्क्षसह एवं ठाकुर रजनीशसिंंह के विरूद्ध जितने भी आरोप लगाये गये हैं वे पूर्णत: निराधार और असत्य हैं। पुलिस मुख्यालय भोपाल तक जांच अभिमत लेने के बाद २८ जनवरी ११ को मामले की केस डायरी के आधार पर न्यायायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी लखनादौन को कोई भी आरोप सिद्ध न होने का आवेदन किया गया। परिणाम स्वरूप न्यायालय द्वारा उक्त मामले को खारिज कर दिया गया  विधानसभा उपाध्यक्ष ने न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय के पश्चात पत्रकारों को बताया कि उनके विरूद्ध किसी ने यह षडय़ंत्र किया था परंतु उन्होंने इसे राजनैतिक षडय़ंत्र मामने से इंकार कर दिया है। झूठे आरोप लगाने वाले के विरूद्ध वे कोई कार्यवाही नहीं करेंगे परंतु उनके पुत्र रजनीश ने कहा है कि उनके तथा उनके पिता के विरूद्ध जिन व्यक्तियों ने घिनौना खेल खेला है उनके साथ क्या सलूक किया जाये इस सम्बन्ध में वे अपने वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र गुप्ता एवं बेनीशंकर शर्मा से सलाह उपरांत ही कोई कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।

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