शनिवार, 23 अप्रैल 2011

दरकता दिख रहा है गांधी परिवार का दुर्ग

0 मिशन 2012 के लिए

कांग्रेसियों के लिए खुले किले के दरवाजे!

अमेठी रायबरेली में दी आला कांग्रेसियों ने आमद

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। नेहरू गांधी परिवार के अभैद्य गढ़ अमेठी और रायबरेली में अब नेहरू गांधी परिवार से इतर आला नेताओं की आमद बढ़ने से सियासी हल्कों में गहमा गहमी बढ़ गई है। दशकों बाद इन क्षेत्र में पार्टी के प्रादेशिक नेताओं ने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया है, जिससे लगने लगा है कि गांधी परिवार का गढ़ दरक रहा है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय मुख्यालय मंे चल रही बयार के मुताबिक भले ही कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी समूचे देश में कांग्रेस को मजबूत करने का जतन कर रहे हों पर उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी और रायबरेली में सूबे की निजाम मायावती ने संेध लगा ही दी है।
गौरतलब है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने संसदीय क्षेत्र में पार्टी के दीगर नेताओं की जरूरत कभी महसूस नहीं की है। यही कारण है कि अमेठी और रायबरेली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वढ़ेरा के अलावा और कोई नेता घुस नहीं पाया है। सालों बाद यह मौका आया है कि पार्टी के अन्य नेता इस क्षेत्र का दौरा कर पाए हों।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी मिशन 2012 को देखते हुए सोनिया और राहुल ने पार्टी के दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेताओं को अपने संसदीय क्षेत्र भेजकर सीधा संवाद करने को कहा है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने जगदीशपुर जाकर स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित मालविका स्टील के सेल कारखाने का निरीक्षण किया वरन् कार्यकर्ताआंे से सीधा संवाद भी किया है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि गौरी गंज में राजबब्बर, अमेठी में प्रमोद तिवारी, सरेसर में सड़क दुर्घटना में पीड़ितों का जिम्मा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन को गौरीगंज का जिम्मा सौंपा गया था। उल्लेखनीय होगा कि सालों से अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्र में जनसभाओं को संबोधित करने का काम खुद राहुल या सोनिया गांधी द्वारा किया जाता रहा है। चुनाव के दरम्यान इसकी कमान प्रियंका वढ़ेरा खुद संभालती हैं। हाल ही में आए इस परिवर्तन से कार्यकर्ता हतप्रभ हैं। कार्यकर्ताओं में चल रही चर्चाओं के अनुसार मायावती के भय से अब राजमाता और युवराज दोनों ही पार्टी के दीगर नेताओं पर भरोसा जता रहे हैं।

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