रविवार, 1 मई 2011

राहुल का मिशन यूपी टांय टांय फिस्स

युवराज के आदर्शों की होली जलाती कांग्रेस

एमपी में उड़ रहा राहुल की सुधारवादी नसीहतों का मजाक

 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरेआजम राहुल गांधी के अरमानों पर कोई और नहीं उन्हीं की माता श्रीमति सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पानी फेरती जा रही है। यूपी के उपचुनावों में राहुल गांधी के मिशन 2012 की हवा निकल चुकी है। उधर मध्य प्रदेश में युवक कांग्रेस चुनावों में भी राहल की सुधारवादी नसीहतों को दरकिनार करने से नहीं चूक रही है कांग्रेस।

2009 में हुए लोकसभा चुनावों के नतीजे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए आशा की किरण लेकर आए थे। आंकड़े के बाजीगरों ने राहुल गांधी को आंकड़ों मंे उलझाकर मिशन 2012 का आगाज करवा दिया जिसके तहत उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावों में मायावती को उखाड़ फेंकने के साथ ही साथ वहां कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है।

हाल ही में यूपी में हुए विधानसभा उपचुनाव ने मिशन 2012 की कलई खोलकर रख दी है। उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक उपचुनाव हारने के बाद मजबूरी में पिपराईच विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान कांग्रेस को समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार राजमति देवी का समर्थन करना पड़ा।

उधर मध्य प्रदेश में युवक कांग्रेस के चुनावों में राहुल गांधी का टेलेंट हंट कार्यक्रम भी जड़ से ही उखड़ चुका है। केंद्र में सक्रिय मध्य प्रदेश के क्षत्रपों के मोहरे इन चुनावों में दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं, इस तरह की सूचनाओं से राहुल गांधी खासे नाराज बताए जा रहे हैं। एआईसीसी में चल रही चर्चाओं के अनुसार राहुल गांधी के रणनीतिकारों के इशरों पर मध्य प्रदेश युवका कांग्रेस का चुनाव विधानसभा चुनावों मंे तब्दील होकर रह गया है। लोग दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं, और हर तरीके से लुभा रहे हैं अपने अपने मतदाता को।

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