शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

एमपी के आर्युविज्ञान महाविद्यालयों पर गाज

एमपी के आर्युविज्ञान महाविद्यालयों पर गाज
 
जबलपुर, रीवा मेडीकल कालेज की मान्यता रद्द कराने की सिफारिश
 
(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली। मेडीकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमसीआई) ने सख्त रवैया अपनाते हुए अपनी तल्ख टिप्पणी के साथ भारत सरकार से मध्य प्रदेश के श्याम शाह आयुर्विज्ञान महाविद्यालय रीवा और सुभाष चंद बोस आर्युविज्ञान महाविद्यालय जबलपुर की मान्यता समाप्त करने की पुरजोर सिफाशि की है। इतना ही नहीं एमसीआई ने इसका पिछला शैक्षणिक सत्र निरस्त करते हुए उसे ‘जीरो इयर‘ भी घोषित कर दिया है।
 
एमसीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार की लेट लतीफी से आजिज आकर एमसीआई को इस तरह का अप्रिय कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के चक्कर मंे मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी उपक्रमों को पाश्र्व में ढकेला जा रहा है। वैसे भी मध्य प्रदेश के सरकारी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय मान्यता के लिए दर दर भटक रहे हैं, इस पर एमसीआई द्वारा हाल ही में जारी सूची में रीवा और जबलपुर मेडीकल कालेज के सामने जीरो इयर लिखकर मध्य प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

सूत्रों ने आगे कहा है कि एमसीआई ने केंद्र सरकार से इन दोनों ही मेडीकल कालेज की मान्यता समाप्त करने की सिफारिश के साथ ही साथ इनमें प्रवेश की प्रक्रिया को रोकने की तगड़ी अनुशंसा की है। उधर मध्य प्रदेश के आवासीय आयुक्त कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग पूरी तरह नींद में सोया है, अब तक संचालक चिकित्सा शिक्षा (डीएमई) कार्यालय से कोई चिट्ठी पत्री उन्हें प्राप्त नहीं हुई है, जिसके आधार पर इनकी मान्यता बहाल करवाने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सके।

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