शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

मूल काम से भटका एमपी सूचना केंद्र

मूल काम से भटका एमपी सूचना केंद्र
 
(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों रीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए पाबंद जनसंपर्क विभाग के नई दिल्ली स्थित कार्यालय का काम आजकल भाजपा के पार्टी स्तर के कार्यक्रमों और अपने आला अफसरान के प्रोग्राम की पब्लिसिटी करना हो गया है। हाल ही में दो वाक्ये इस तरह के सामने आए हैं जिनसे साफ होने लगा है कि मध्य प्रदेश सूचना केंद्र इन दिनों पार्टी की मीडिया सेल का काम कर रहा है।
 
ज्ञातव्य है कि नई दिल्ली के हृदय स्थल कनाट प्लेस में बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर बेशकीमती मंहगे इलाके में एम्पोरिया हाउस में स्थित है मध्य प्रदेश सरकार का सूचना केंद्र। इस कार्यालय पर आरोप लगते रहे हैं कि यहां से भाजपा के पार्टी स्तर के कार्यक्रमों की पे्रस विज्ञप्ति को प्रसारिक किया जाता है। बताया जाता है कि मीडिया के लिए निर्धारित वाहनों को मीडिया को उपलब्ध न कराकर यहां पदस्थ अधिकारियों द्वारा इन्हें एम पी से आने वाले सांसद विधायकों की सेवा टहल के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
 
हाल ही में सूचना केंद्र द्वारा जारी सरकारी विज्ञप्तियों को देखकर मध्य प्रदेश को कव्हर करने वाले पत्रकार असमंजस में पड़ गए कि यह सरकारी कार्यक्रम था या पार्टी स्तर का प्रोग्राम। हाल ही में जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे। ‘शिक्षा का ध्येय समग्र विकास‘ शीर्षक से आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में जनसंपर्क मंत्री शर्मा के द्वारा दिए गए उद्बोधन को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के सूचना केंद्र ने बाकायदा प्रेस नोट बनाकर जारी किया। इसकी तस्वीरें भी विभाग द्वारा जारी की गईं।
 
गुजरात सूचना केंद्र के एक अधिकारी ने इस बारे में आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह पार्टी का कार्यक्रम था इसकी विज्ञप्ति सरकारी तौर पर जानी नहीं की जानी चाहिए थी। इतना ही नहीं, इसके उपरांत दिल्ली में मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक आला अधिकारी के रिश्तेदार की कला की प्रर्दशनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी की खबर को भी मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा सरकारी स्तर पर जारी कर दिया गया।

मजे की बात तो यह है कि जनसंपर्क विभाग के दिल्ली कार्यालय द्वारा इन दोनों ही गैर सरकारी कार्यक्रमांे की विज्ञप्तियों को मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग ने न तो सरकारी तौर पर ही बांटा और न ही सरकारी वेब साईट में भी इन्हें अपलोड किया। दोनों ही प्रोग्राम की पब्लिसिटी से जनसंपर्क संचालनालय ने पर्याप्त दूरी बनाकर रखी गई जिससे साबित हो जाता है कि दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा इस तरह के निजी कार्यक्रमों विशेषकर पार्टी बेस्ट प्रोग्राम्स की पब्लिसिटी में ज्यादा दिलचस्पी ली जा रही है।

मध्य प्रदेश की जनता के गाढ़े पसीने की कमाई से वसूले गए करों से वेतन पा रहे मध्य प्रदेश सूचना केंद्र के सरकारी अफसरान द्वारा सरकार के कार्यक्रमों को छोड़ भारतीय जनता पार्टी और जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों के रिश्तेदारों की चैखटों पर माथा रगड़कर उनकी पब्लिसिटी करवाने की बात दिल्ली में मीडिया के गलियारों में तरह तरह की शक्ल अख्तियार कर चुकी है।

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