शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

अब गड़करी का मिशन यूपी


अब गड़करी का मिशन यूपी

मोदी, पोखरियाल और येदयुरप्पा ने किया कार्यकारिणी से किनारा

बढ़ सकती है उमा की पूछ परख

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी वर्सेस एल.के.आड़वाणी शीत युद्ध में अब भारतीय जनता पार्टी दो धड़ों में बंटी साफ दिखाई पड़ने लगी है। एक तरफ तो पार्टी निजाम नितिन गड़करी उत्तर प्रदेश पर सारा ध्यान केंद्रित करना चाह रहे हैं वहीं दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदयुरप्पा और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने अपने आप को इस कार्यकारिणी की इस महत्वपूर्ण बैठक से अपने आप को दूर ही रखा है।

2014 में होने वाले आम चुनावों के पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनवों पर हर किसी की नजरें टिकी हुई हैं। भाजपा भी यूपी के सहारे ही आम चुनावों की वेतरणी पार करने की इच्छुक दिख रही है। राजनैतिक और भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़े इस सूबे में भाजपा अब समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी से सुरक्षित दूरी बनाकर चलेगी। यूपी में भाजपा ने अपने दम पर ही चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। शनिवार की बैठक में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने वाली एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती को हाथों हाथ लिए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही साथ संजय जोशी का कद भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

बीजेपी की शुक्रवार से शुरू हुई 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदयुरप्पा और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल श्निशंकश् भी नहीं पहुंचे। पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि येदयुरप्पा कुछ धार्मिक कर्मकांड की वजह से कार्यकारिणी की बैठक में नहीं आ पाए। प्रसाद ने कहा श्श्येदयुरप्पा जी को अपनी दिवंगत पत्नी के लिए पूजा करनी थी, इसलिए उन्होंने पार्टी से इसकी अनुमति ले ली थी। जब निशंक की बारी आई तो उन्होंने हालांकि निशंक की अनुपस्थिति के कारण के बारे में नहीं बताया।

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