शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

भुलक्कड़ के हवाले भारत की सुरक्षा!


भुलक्कड़ के हवाले भारत की सुरक्षा!

पलनिअप्पम चिदम्बरम की याददाश्त है कमजोर

शार्ट टर्म मेमोरी के साथ ही मजबूर भी हैं चिदम्बरम

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा व्यवस्था इन दिनों एक भुलक्कड़ के हाथों में हैं। देश के गृह मंत्री न केवल भुलक्कड़ हैं वरन् वे मजबूर भी हैं। शुक्रवार को मीडिया से रूबरू पलनिअप्पम चिदम्बरम ने दोनों ही बातों को स्वीकार कर देश को हैरत में डाल दिया है।

केंद्र में जारी पत्र वार में मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते वक्त चिदम्बरम से जब यह पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने त्यागपत्र की पेशकश की थी? इसके जवाब में चिदम्बरम ने अपनी शार्ट टर्म मेमोरी का हवाला दे दिया। शार्ट टर्म मेमेरी का अर्थ है कि उन्हें पुरानी बातें याद नहीं रहती हैं। एक सप्ताह के अंदर ही चिदम्बरम द्वारा त्यागपत्र की पेशकश की खबरें सुर्खियां बनी थी। अगर देश के गृह मंत्री को एक सप्ताह के अंदर की ही बात याद नहीं है तो भला वे इससे पुरानी बातों को कैसे याद रख पाएंगे?

इतना ही नहीं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत गणराज्य किस कदर तक लाचार है, इसका एक नमूना शुक्रवार को देखने को मिला। केंद्रीय गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदंबरम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें मालूम है कि अंडरवर्ल्ड माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची में मौजूद है, लेकिन हम मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इनकार के कारण इस मामले में भारत कुछ करने की स्थिति में नहीं है।

गौरतलब है कि मुंबई में 1993 के ब्लास्ट के बाद दाऊद भारत से भाग गया था। उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी है। अमेरिका के मुताबिक दाऊद के अल कायदा से नजदीकी रिश्ते हैं। उसे 2003 में इंटरनैशनल आतंकवादी घोषित किया गया था।

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