बुधवार, 19 अक्तूबर 2011

आखिर घाटा क्यों उठा रहा है आईडिया


एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  3
आखिर घाटा क्यों उठा रहा है आईडिया

सस्ती सिम बेचने मंहगे वाहनों पर प्रचार कर रही आईडिया टीम

दिन भर का खर्च दस हजार और आवक महज सौ रूपए

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मोबाईल सेवा प्रदाता आईडिया कंपनी का बिजनिस प्रमोशन प्लान अन्य मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों के पल्ले ही नहीं पड़ रहा है। आईडिया की सिम बेचने के लिए देश भर में गांव गांव में मंहगे किराए के वाहनों को हायर कर कंपनी का प्रचार प्रसार कर सिम बेचने का काम किया जा रहा है। औसतन एक दिन में एक वाहन से महज सौ रूपए की सिम ही बिक पाती हैं, फिर उनका खर्च कहां से निकल रहा है यह शोध का ही विषय हैं

गौरतलब है कि आईडिया कंपनी द्वारा प्रतिदिन के भाड़े के हिसाब से देश भर में सिम बेचने और बिजनिस प्रमोशन का काम किया जा रहा है। एक वाहन में आईडिया कंपनी के कम से कम चार से पांच मुलाजिम गांव गांव जाकर सिम बेचने का काम करते हैं। इन मुलाजिमों का भत्ता वेतन और गाड़ी का किराया ही अगर जोड़ लिया जाए तो वह प्रतिदिन सात से दस हजार रूपए बैठता है।

अगर इनके द्वारा दिन भर में बेची गई सिम का आंकलन किया जाए तो प्रति गाड़ी सौ से दो सौ रूपए तक की सिम ही बेची जा पाती हैं। इन परिस्थितियों में प्रति गाड़ी प्रतिदिन हजारों का घाटा उठाकर आईडिया कंपनी अपने उपभोक्ताओं की सेवा में रत है। निश्चित तौर पर इस तरह की समाज सेवा के लिए आईडिया कंपनी के संचालकों को गणतंत्र या स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के हाथों पुरूस्कृत किया जाना चाहिए।

निजी क्षेत्र के मोबाईल सेवा प्रदाताओं के बीच इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि आखिर आईडिया कंपनी के हाथों कौन सा अलीबाबा का गढ़ा खजाना लग गया है कि वह प्रति दिन प्रति वाहन पर हजारों रूपए का घाटा उठाकर भी अपने कर्मचारियों को मोटी पगार दे रही है?

(क्रमशः जारी)

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