बुधवार, 19 अक्तूबर 2011

रथ यात्रा भाजपा या उत्तराधिकारी के लिए!


रथ यात्रा भाजपा या उत्तराधिकारी के लिए!

पुत्र पुत्री मोह में हो रही आड़वाणी की रथ यात्रा

दादा की दुलारी प्रतिभा हो सकती हैं उनकी उत्तराधिकारी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। राजग के पीएम इन वेटिंग रहे लाल कृष्ण आड़वाणी की रथयात्रा को लेकर तरह तरह की चर्चाएं और अफवाहें गर्माने लगी हैं। भाजपा में ही लोगों का मानना है कि जब आड़वाणी ने खुद को ही प्रधानमंत्री की दौड़ से हटा लिया है तब वे इस उमर में भाजपा के लिए क्या संजीवनी लाने का काम कर पाएंगे। दबी जुबान से चल रही चर्चाओं के अनुसार यह रथ यात्रा आड़वाणी का उत्तराधिकारी तय करने के लिए है।

आड़वाणी जुंडाली में चल रही चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो रथ यात्रा के पहले आड़वाणी के घर में जमकर द्वंद हुआ। आड़वाणी की पत्नि श्रीमति कमला आड़वाणी चाह रही थीं कि उनका पुत्र जयंत आड़वाणी दादा (एल.के.आड़वाणी) के साथ जाए। अगर वैसा होता तो देश भर में जयंत को पहचाना जाने लगता और फिर भगवा राजनीति के द्वार उनके लिए खुद ब खुद ही खुल जाते। उधर प्रतिभा का मानना था कि जयंत राजनीति के हिसाब से अनफिट हैं।

सूत्रों ने कहा कि अंत में आड़वाणी ने अपनी दुलारी प्रतिभा के पक्ष में ही अपना फैसला सुना दिया। यही कारण है कि रथ यात्रा में प्रतिभा अपने दादा यानी पिता एल.के.आड़वाणी के साथ हैं। यात्रा के दौरान वे भाजपा के नेताओं से बाकायदा घुल मिल कर बात कर रही हैं। भाजपा में चल रही सियासी हवाओं के अनुसार ढलती उमर के कारण अब एल.के.आड़वाणी जल्द ही सन्यास लेने का मन बना रहे हैं। उनके बाद उनका राजनैतिक उत्तराधिकारी उनकी पुत्री प्रतिभा ही होंगीं।

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