सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

दाल के बाद सब्‍जी भी गायब हुई गरीब की थाली से


कांग्रेस के कहर से डरा आम आदमी

दाल के बाद अब थाली से गायब हुई सब्जी

योजना आयोग कर रहा गरीबों के साथ मजाक

राज्य और केंद्र के सामंजस्य के अभाव की भेंट चढ़े तीन अरब रूपए

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेसनीत केंद्र सरकार चाहे जो कर ले उसका हर कदम भारत गणराज्य के आम आदमी की गरदन को रेतने का ही काम कर रहा है। केंद्र सरकार की तीन सौ करोड़ की लोगों की थाली में सब्जी पहुंचाने की योजना में भी पलीता लग गया है। आधी राशि डकारने के बाद भी सूबों ने इस मामले में डकार भी नहीं ली है। मंहगाई से वैसे भी लोगों के मुंह का जायका खराब ही हो चुका है।

उल्लेखनीय है कि शहरी आबादी के लिए सस्ती सब्जी मुहैया करवाने की घोषणा वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में की थी। इसके तहत दस लाख की आबादी या अधिक वाले हर शहर को उत्तम गुणवत्ता वाली सब्जियों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सब्जियों के समूह को विकसित करने पर विचार विमर्श किया गया। इसके उपरांत आए नतीजों से उत्साहित केंद्र सरकार ने कृषि विभाग के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस योजना का आगाज किया था।

पिछले माह तक केंद्र सरकार द्वारा इस मद में राज्यों को 137 करोड़ 94 लाख रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। राज्य और केंद्र सरकार के बीच सामंजस्य के अभाव के चलते यह योजना परवान ही नहीं चढ़ पा रही है। दस लाख की आबादी से अधिक वाले शहरों में आज भी मंहगी और गुणवत्ता विहीन सब्जी ही मिल रही है। कहा जा रहा है कि अंबानीज के रिलायंस फ्रेश के दबाव में सरकारों द्वारा नीतियों पर अमल नहीं किया जा रहा है।

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