गुरुवार, 24 नवंबर 2011

मंहगाई है मनमोहन की परेशानी का सबब!


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 34

मंहगाई है मनमोहन की परेशानी का सबब!

गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म से उपर रखने की कीमत चुकवाएंगे मनसे

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश के गैर नेहरू गांधी परिवार (महात्मा गांधी नहीं) से इतर वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह पर जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का नजला टूटने वाला है। कांग्रेस के अंदर अब घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के साथ ही साथ मंहगाई का मुद्दा तेजी से उभर रहा है। मिनी आम चुनावों में इन मुद्दों पर कराए गए सर्वेक्षण में कांग्रेस बेहद पिछड़ी नजर आई है जिससे कांग्रेस के रणनीतिकारों की पेशानी पर पसीने की बूंछे छलछला आई हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी इस समय उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की चिंता में घुले जा रहे हैं। इन राज्यों में कराए गए सर्वेक्षण में कांग्रेस की स्थिति बेहद पतली ही नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव भले ही स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाएं पर सबसे अधिक चिंता की बात तो मंहगाई उभर कर सामने आ रही है। मंहगाई का सीधा सरोकार आम आदमी की रसोई से है।

उन्होंने कहा कि भले ही सोनिया गांधी के दबाव में मनमोहन सिंह ने घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार की छूट देकर मंहगाई के ग्राफ को उपर उठाया हो पर गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म से उपर रखने की कीमत मनमोहन सिंह को हर हाल में चुकाना ही होगा। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह को बली का बकरा बना ही दिया जाएगा। अब सोनिया और राहुल के करीबी इस जुगत में लगे हैं कि मनमोहन सिंह के स्थान पर किसके हवाले देश को किया जाए, ताकि अगले आम चुनावों में राहुल के वजीरे आजम बनने के मार्ग प्रशस्त हो सकें।

(क्रमशः जारी)

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