बुधवार, 11 जनवरी 2012

कटहल: गुणकारी फ़ल


कटहल: गुणकारी फ़ल



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)।। ग्रामीण अँचलों में सब्जी के तौर पर खाया जाने वाला कटहल कई तरह के औषधिय गुणों से भरपूर है। कटहल का वानस्पतिक नाम आर्टाेकार्पस हेटेरोफ़िल्लस है। कटहल के फ़लों में कई महत्वपूर्ण प्रोटीन्स, कार्बाेहाईड्रेड्स के अलावा विटामिन्स भी पाए जाते है।
सब्जी के तौर पर खाने के अलावा कटहल के फ़लों का अचार और पापड भी बनाया जाता है। पातालकोट के आदिवासियों के अनुसारे पके फ़लों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से दस्त होने की संभावना होती है। कटहल की पत्तियों की राख अल्सर के इलाज के लिये बहुपयोगी होती है।
पके हुए कटहल के गूदे को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबाला जाए और इस मिश्रण को ठंडा कर एक गिलास पीने से जबरदस्त स्फ़ूर्ती आती है, वास्तव में यह एक टॉनिक की तरह कार्य करता है। यही मिश्रण यदि अपचन से ग्रसित रोगी को दिया जाए तो उसे फ़ायदा मिलता है। फ़ल के छिल्कों से निकलने वाला दूध यदि गाँठनुमा सूजन, घाव और कटे-फ़टे अंगों पर लगाया जाए तो आराम मिलता है।
डाँग- गुजरात के आदिवासी कटहल की पत्तियों के रस का सेवन करने की सलाह मधुमेह (डायबिटीस) के रोगियों को देते है। यही रस उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिये भी उत्तम है। कटहल पेड की पत्तियों की कलियां कूट कर गोली बना लें और इस गोली को चूसने से स्वरभंग व गले के रोग में फायदा होता है।

(साई फीचर्स)

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1 टिप्पणी:

Ghayal ने कहा…

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Thanks
Ghayal
Sukoongah
Abohar
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