बुधवार, 18 जनवरी 2012

कड़ाके की सर्दी ने जमाया उत्तर भारत


कड़ाके की सर्दी ने जमाया उत्तर भारत



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। बारिश और बर्फबारी से उत्तर भारत में फिर कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। दिल्ली में कल रात कोहरा छाया रहा। कड़ाके की ठंड से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। बर्फीली हवाओं ने दिल्ली में ठंड को और बढ़ा दिया है। पारा गिरने से राजधानी कोहरे की चपेट में है और दृश्यता पचास मीटर तक रह गई है।
ौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिन में तापतान और गिरने की आशंका है और न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। हिमाचल प्रदेश में बादल छाये रहने से दिन के तापमान में मामूलीबढ़ोतरी होने के बावजूद कड़ाके की ठंड जारी है। उत्तराखंड में कड़ाके की सर्दी से जनजीवन अस्त व्यस्त है।
प्राप्त सूचना के अनुसार सीमांत जिलों उत्तर काशी, पिथौरागढ़ और चमौली के करीब पांच सौ गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क कट गया है। इन गांवों में बिजली पानी के अलावा आवश्यक सामानों की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। उत्तरकाशी में गंगोतरी, यमनोतरी राजमार्ग के अलावा कुछ अन्य सड़के बर्फबारी और बारिश के कारण अवरूद्ध हैं। उधर चमौली जिलें में गोपीश्वर, उखीमठ और जोशीमठ नीति मार्ग के अलावा कई संपर्क मार्ग बंद हैं। खराब मौसम की वजह से उम्मीदवारों की मुसीबतें बढ़ गई हैं और उन्हें प्रचार कार्यों व जनसंपर्क के काम में बाधा आ रही है। कश्मीर घाटी में दुबारा हिमपात नहीं हुआ है और २९४ किलोमीटर लम्बा श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग कल रात एक तरफ से खोल दिया गया। पंजाब में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। राजस्थान में भी सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है।
एक बार फिर पूरा उत्तर भारत शीतलहर और कोहरे की चपेट में आ गया है। बारिश और बर्फबारी के कारण न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि बेअसर रही। पर्वतांचल में करीब साठ घंटे बाद बर्फबारी मंगलवार को तकरीबन थमी रही। राजधानी दिल्ली में सुबह कोहरे के कारण दृश्यता 50 मीटर से भी कम रही।
मौसम विभाग के मुताबिक, देश के उत्तर पश्चिमी व उससे लगे मध्य पूर्वी हिस्से घने कोहरे में लिपटे रहेंगे। अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में कुछेक स्थानों पर बर्फ गिर सकती है। पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। न्यूनतम तापमान में 2-5 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की जा सकती है। अगले दो-तीन दिनों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है, नतीजतन दिन में ठिठुरन से तनिक निजात मिलेगी।
लगातार साठ घंटों तक कश्मीर बर्फबारी के बाद मंगलवार सुबह मौसम में कुछ सुधार नजर आया। बर्फबारी थमने के बाद सूरज भी निकला, लेकिन बर्फीले तूफान का खतरा अभी टला नहीं। जम्मू-श्रीनगर हाइवे काजीगुंड से लेकर जवाहर सुरंग तक सड़क पर पांच से सात फीट बर्फ जमी है। जवाहर सुरंग के पार शैतानी नाले के पास सुबह बर्फीले तूफान से रास्ता फिर बंद हो गया। डिगडोल, पंथियाल, केला मोड़ में भूस्खलन व पत्नीटाप व बटोत के बीच बर्फ ने सड़क पर वाहनों का रास्ता रोक रखा है। नतीजतन हजारों लोग और वाहन जहां-तहां फंसे हुए हैं।
राहत की बात यह भी रही कि दो दिन बाद श्रीनगर के लिए हवाई सेवा बहाल हो गई। स्थगित माता वैष्णो देवी की यात्रा भी शुरू हो गई है। आइजीपी ट्रैफिक हेमंत लोहिया ने उम्मीद जताई कि बुधवार सुबह मौसम साफ रहने पर हाइवे खोला जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में पटरी से उतरा जनजीवन अभी सामान्य नहीं हो पाया है। इतनी गनीमत जरूर रही कि मंगलवार को निचले कुछ इलाकों में धूप खिली, जिससे लोगों ने कुछ राहत महसूस की। शिमला, मनाली व रोहतांग सहित ऊंचे क्षेत्रों में रुक-रुककर हिमपात होता रहा। बर्फबारी की वजह से विभिन्न रूटों पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की करीब 140 बसें फंसी हुई हैं।
खराब मौसम की वजह से केवल शिमला जिले में ही करीब 70 बसें रास्तों में अटकी है। कुल्लू में बीस मार्ग अवरुद्ध हैं। शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्र, कुल्लू और किन्नौर के दुर्गम क्षेत्रों में बिजली व पानी की व्यवस्था ठप पड़ चुकी है। उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश का दौर अभी नहीं थम पाया है। मंगलवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बर्फबारी और बारिश हुई, जबकि कहीं ओले पड़े। कुछ स्थानों पर धूप-छांव का खेली चलता रहा। हालांकि सिस्टम कमजोर जरूर पड़ा है, लेकिन अभी भी बर्फबारी और बारिश फिर हो सकती है।
मेरठ से साई ब्यूरो अनमोल कौशल ने बताया कि हाड़ कंपाने वाली सर्दी फिर लौट आई है। कड़ाके की ठंड से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनजीवन बेहाल है। स्कूली बच्चों से लेकर बड़े तक मंगलवार को कंपकंपाते नजर आए। बरेली, मुरादाबाद और आगरा में सुबह घना कोहरा भी छाया रहा। दोपहर बाद धूप के दर्शन हुए, लेकिन बर्फीली हवाओं के तेवर नरम नहीं पड़े।
मेरठ और आसपास के जिलों में पिछले 48 घंटे में धूप के दर्शन नहीं हुए हैं। दिनभर तेज हवाओं ने लोगों को परेशान किया। मुरादाबाद में सुबह कोहरा छाया रहा। दोपहर में हल्की धूप निकली, लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली। बरेली में सुबह जबरदस्त कोहरा छाया रहा। जिस कारण तापमान में और गिरावट दर्ज की गयी। दोपहर बाद धूप खिली तो लोगों ने कुछ राहत महसूस की।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मौसम में गिरने वाली ओस व कोहरा गेहूं की फसल के लिए खासा लाभप्रद है। अलीगढ़ में पिछले पांच दिन में मंगलवार सबसे ठंडा दिन रहा। अधिकतम तापमान में 2.6 और न्यूनतम में 3.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। आगरा में मंगलवार को बूंदाबांदी से तो राहत मिली, लेकिन दोपहर तक कोहरा छाया रहा। पूरे मंडल में कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल है। दोपहर बारह बजे करीब सूर्यदेव के दर्शन हुए।
उधर जम्मू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो कार्यालय ने खबर दी है कि दो दिन लगातार हुई बारिश के कारण अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन मंगलवार को धूप निकले के बाद पटरी पर लौट आया। बारिश के कारण दो दिनों से घरों में दुबके लोग बाहर निकले, जिससे बाजारों में भी रौनक दिखी। स्कूल-कॉलेजों में भी बच्चों की हाजिरी पिछले दो दिनों के मुकाबले बेहतर रही।
सुबह से ही मौसम साफ रहने पर दिन के अधिकतम तापमान में करीब आठ डिग्री का उछाल दर्ज हुआ। सोमवार जहां साल का सबसे ठंडा दिन रहा, वहीं मंगलवार को अधिकतम तापमान एक बार फिर 18 डिग्री के पार पहुंच गया। अधिकतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जबकि सोमवार को अधिकतम तापमान 10.9 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं, न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई और जो 4.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
इस बीच मौसम में सुधार को देखते हुए एयर इंडिया ने बुधवार को लेह के लिए अतिरिक्त फ्लाइट की घोषणा की है। जम्मू एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर संजीव मिश्री के मुताबिक लेह से यह अतिरिक्त फ्लाइट एआई-4449 सुबह साढे़ नौ बजे जम्मू पहुंचेगी जबकि जम्मू से लेह के लिए अतिरिक्त फ्लाइट एआई-4450 सुबह दस बजे जाएगी। एयर इंडिया ने रद हुई फ्लाइट एआई-450 के सभी यात्रियों से अपील की है कि वह सुबह आठ बजे तक एयरपोर्ट पहुंचे।
जम्मू साई ब्यूरो के अनुसार जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से लगातार तेरहवें दिन भी फंसे सैकड़ों यात्री बस स्टैंड में परेशानियों से दो-चार होते रहे। मजबूर व बेबस इन यात्रियों ने अपना रोष व्यक्त करने के लिए एकजुट होकर सरकार विरोधी नारेबाजी भी की। यह यात्री मंगलवार को मौसम के थोड़ा साफ होते ही सरकार से एयरलिफ्ट करने की मांग कर रहे थे।
जम्मू के मुख्य बस स्टैंड में फंसे करीब तीन सौ यात्रियों ने बार-बार एकत्र होने नारेबाजी की। और तो और हाल-चाल जानने पहुंचे उपमुख्यमंत्री तारा चंद के समक्ष भी यात्री नारेबाजी करने से नहीं चूके। हालांकि प्रशासन ने इन यात्रियों के लिए जहां लंगर की व्यवस्था करने के साथ चिकित्सा और सोने के लिए जेडीए के होटल के हाल भी निशुल्क खोल दिए हैं। चूंकि मौसम खराब होने के कारण राजमार्ग नहीं खुला जिससे कोई भी वाहन नहीं जा पा रहा। वहीं जम्मू में पहुंच रहे घाटी व जम्मू डिवीजन के दूरदराज क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। बस स्टैंड में जगह-जगह यात्री बैठे हुए हैं। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग बस स्टैंड में फंसे बेबसी के आंसू रो रहे हैं। हालत यह है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद यात्री बस स्टैंड में मरीज को रखकर सर्दी के बीच बैठे हुए हैं।
देहरादून से साई ब्यूरो अर्जुन कुमार का कहना है कि प्रदेश में कड़ाके की ठण्ड जारी है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले हिस्सों में कहीं-कहीं बारिष की संभावना व्यक्त की है। हमारे संवाददाता ने बताया है किदेहरादून में हालांकि, आज दिन में धूप निकली थी, लेकिन अपराह्न में एक बार फिर बादल छा गए, जिसके साथ ही तेज ठण्डी हवाओं से ठण्ड का प्रकोप बढ़ गया है।
जयपुर साई ब्यूरो से शैलेन्द्र का कहना था कि प्रदेश में सर्दी का असर फिर बढ़ गया हैं। अधिकांश जिलों में न्यूतनतम तापमान में फिर गिरावट हुई है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार माउंट आबू में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। साई ब्यूरो ने बताया कि कई दिनों तक जमाव बिन्दु पर टिके रहने के बाद पारे की इस बढोतरी से सैलानियों को राहत मिली है। मैदानी इलाको मंे सीकर में चार दशमलव पांच, पिलानी में चार दशमलव आठ, बीकानेर में पांच, चूरु में पांच दशमलव पांच, फलौदी और जयपुर में छह डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। कोहरे के कारण रेल और सड़क यातायात प्रभावित हो रहा है।
रायपुर से साई ब्यूरो आंचल झा ने कहा कि राजधानी सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में कड़कड़ाती ठण्ड का आलम है। राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। जिससे स्कूली बच्चों सहित आम जन-जीवन प्रभावित है। बीते चौबीस घण्टों के दौरान बस्तर संभाग के कुछ भागों में शीतलहर चली।  हालाकि रायपुर और बिलासपुर संभागों के जिलों में न्यूनतम तापमान में वृध्दि हुई। प्रदेश में न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस जगदलपुर में रहा। अगले चौबीस घण्टों के दौरान राज्य के सभी संभागों का मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा।
शिमला साई ब्यूरो से स्वाति सिंह ने बताया कि पिछले 2 दिनों से बर्फबारी और वर्षा होने के बाद आज प्रदेश के अधिकांश भागों में बादल छाए रहे, परन्तु प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। प्रदेश के कुछ स्थानों से हल्की वर्षा और बर्फबारी का भी समाचार है। राजधानी शिमला में सुबह की शुरूआत हालांकि हल्की धूप से हुई परंतु दिन चढ़ने के साथ ही आसमान में बादल छाए रहे और दोपहर बाद तक हल्का हिमपात हुआ। शहर का न्यूनतम तापमान शन्य के आसपास रहा जबकि प्रदेश में सबसे अधिक सर्दी पड़ रहे जनजातीय जिला लाहौल स्पिति जिले के मुख्यालय केलंग में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे सात दशमलव छः डिग्री चला गया है।
मनाली में न्यूनतम तापमान माइनस एक डिग्री सैलसियस रिकॉर्ड किया गया। किन्नौर, लाहौल स्पिति तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में लोग अभी भी पानी, बिजली तथा यातायात की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बीच बर्फबारी व वर्षा से विभिन्न क्षेत्रों में अस्त-व्यस्त हुए जनजीवन को सामान्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किन्नौर जिले के मुख्यालय रिकांगपिओ में बर्फ को हटाने का काम जोरों से चल रहा है मगर शहर में पानी, बिजली व संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हैं।
दिल्ली से शिमला तथा मनाली के बीच वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से चल रही है, परन्तु उपरी शिमला के क्षेत्र रोहडू, ठियोग, खड़ापत्थर और चौपाल के लिए यातायात अवरूद्ध है और जुब्बल, रोहडू और चौपाल के लिए वाया पांवटा साहिब तथा रामपुर क्षेत्र के लिए बसंतपुर-किंगल मार्ग से बस सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।  
 खराब मौसम के चलते जनजातीय क्षेत्रों के लिए आज प्रस्तावित हैलीकॉप्टर की दो उड़ाने नहीं हो सकी। अब इन उड़ानों का कल 18 जनवरी को भरे जाने का कार्यक्रम है। पहले से निर्धािर्रत कार्यक्रम के अनुसार पहली उडान भुन्तर- तांदी-डाईट-रावा जबकि दूसरी उड़ान भुन्तर से स्टींगरी के बीच भरी जाएगी। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों के दौरान कहीं-कहंीं वर्षा होने और उंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई है। इस बीच शिमला जिला मैजीस्ट्रेट ओंकार शर्मा ने नागरिक आपूर्ति निगम को जिले के बर्फबारी वाले क्षेत्रों में आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चत बनाए रखने को कहा है।

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