शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

हरवंश का कद बढ़ा गए जयराम रमेश


हरवंश का कद बढ़ा गए जयराम रमेश

भाजपा के मंत्रियों को आमंत्रित कर इतिहास रचा हरवंश सिंह ने



(साई ब्यूरो)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर ने जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दलगत राजनीति से उपर उठकर सूबाई भाजपा के मंत्रियों को आमंत्रित कर इतिहास रच दिया है। उधर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश द्वारा इस कार्यक्रम में मंच से हरवंश सिंह की तारीफों में कशीदे गढ़कर महाकौशल में उन्हें एक स्थापित क्षत्रप का अघोषित तगमा दे दिया है।
एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र की संसकारधानी आए केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के व्यस्त क्षणों में से सिवनी के लिए समय निकलवाने को लेकर अब जिले के कांग्रेस के सिपाहियों के सीने हरवंश सिंह ठाकुर के कारण चौड़े होते नजर आ रहे हैं। हरवंश सिंह ठाकुर ने संवैधानिक पद पर रहते हुए भी अनेकों बार इसके पहले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का उत्साह वर्धन किया है।
गौरतलब है कि वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच समस्याएं दूर करने नहीं वरन् एक दूसरे को नीचा दिखाने की गरज से विज्ञप्ति युद्ध एक अरसे से छिड़ा हुआ है जिससे जनता आजिज आ चुकी है। इस बार जब केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश जर्जर और दुर्घटनाओं को न्योता देने वाले खवासा से सिवनी मार्ग से हिचखोले खाते आए तो सिवनी वासियों का दर्द उन्होंने अवश्य ही जाना होगा।
उल्लेखनीय होगा कि उत्तर दक्षिण फोरलेन गलियारे में सिवनी जिले में मोहगांव से लेकर खवासा तक मार्ग के निर्माण का काम उस वक्त रोका गया था जब जयराम रमेश खुद वन एवं पर्यावरण मंत्री थे। उन्होंने इशारों ही इशारों में अपने उद्बोधन में इस बात को कह दिया कि उस वक्त उनके हाथ बंधे हुए थे। जयराम रमेश के द्वारा सिर्फ और सिर्फ सिवनी में आकर एक कार्यक्रम करना और वापस जाने के अनेक सियासी अर्थ लगाए जा रहे हैं।
उधर, कांग्रेस के अंदर ही इस बात की चर्चा जोरों पर होने लगी है कि भाजपा के मंत्रियों को तो आमंत्रित कर दिया गया किन्तु हरवंश सिंह द्वारा अपनी ही पार्टी के धुरंधर नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया। उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने अपने उद्बोधन में ही अपनी पीड़ा का इजहार किया था कि वे इस कार्यक्रम में अनाधिकृत तौर पर आए हुए हैं। उन्हें सरकारी अथवा जिला कांग्रेस की ओर से कोई न्योता न भेजा जाना आश्चर्य जनक ही माना जा रहा है।
साई के दिल्ली ब्यूरो ने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के करीबी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कांग्रेस की कोर कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार नहीं है उन राज्यों में अगर केंद्रीय मंत्री कोई कार्यक्रम करते हैं तो उसमें उस राज्य के नेता प्रतिपक्ष को जाना अनिवार्य होगा। वही कांग्रेस या सरकार का नुमाईंदा समझा जाएगा। संभवतः इसी नीति के तहत हाई कमान की इच्छाओं का सम्मान करते हुए अजय सिंह ने सिवनी के कार्यक्रम में बिना बुलाए आकर अपना बडप्पन दिखाया।
देखा जाए तो अजय सिंह का इस तरह बिनबुलाए आना जिला कांग्रेस कमेटी के मुंह पर करारा तमाचा था, जिसकी गूंज दिल्ली दरबार तक सुनाई दे सकती है। वहीं दूसरी ओर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो ने बताया कि दिल्ली की सियासी गलियों में रमेश के इस दौरे के अनेक मतलब लगाए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार जयराम रमेश सिवनी गए जो महाकौशल का अभिन्न अंग है। महाकौशल में कांग्रेस के क्षत्रप कमल नाथ के एकाधिकार से इंकार नहीं किया जा सकता है। जब भी कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा में कोई केंद्रीय मंत्री आता है तो महाकौशल के सारे जिलों की कांग्रेस कमेटियों के साथ ही साथ समूचे सांसदों को मंच पर स्थान दिया जाता है। यह पहला मौका था जब महाकौशल के सिवनी में हुए कार्यक्रम में स्थानीय कांग्रेसी सांसद बसोरी सिंह मसराम भी अनुपस्थित रहे।
सूत्रों ने कहा कि महाकौशल में पिछले डेढ़ दशक में कांग्रेस के गर्त में जाने की खबरें कांग्रेस हाईकमान को लगातार मिलती रहीं हैं। जयराम रमेश को सोनिया गांधी का अघोषित दूत माना जाता है। बताया जाता है कि सोनिया गांधी ने जयराम रमेश के मार्फत महाकौशल में कांग्रेस की गिरती स्थिति की सच्चाई पता करना चाहा है। केंद्रीय मंत्री के बतौर जयराम रमेश को सिवनी लाकर जिला स्तर पर एक कार्यक्रम कराकर हरवंश सिंह ने अपने आप को निश्चित तौर पर स्थापित कर लिया हो पर इस कार्यक्रम में महाकौशल के क्षत्रप और पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा के सांसद का न होना अनेक प्रश्नों को जन्म दे ही गया है।

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